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राजस्थान के राजगढ़ गांव में जल संकट चरम पर! 88 लाख की पेयजल योजना आठ साल से ठप, भू-जलस्तर भी पहुंचा खतरे के निशान से नीचे

 
राजस्थान के राजगढ़ गांव में जल संकट चरम पर! 88 लाख की पेयजल योजना आठ साल से ठप, भू-जलस्तर भी पहुंचा खतरे के निशान से नीचे

राजगढ़ कस्बे के समीपवर्ती पुराना राजगढ़ गांव में लाखों की लागत से बनी पेयजल योजना भू-जल स्तर नीचे चले जाने के कारण आठ वर्षों से बंद पड़ी है, जिससे गांव में पेयजल समस्या बनी हुई है। बाल्या राम सैनी सहित अनेक ग्रामीणों ने बताया कि पुराना राजगढ़ गांव में करीब 88 लाख रुपए की लागत से पेयजल योजना बनाई गई थी, जिसमें उच्च जलाशय की टंकी, सीडब्ल्यूआर पंप रूम, चिंताहर हनुमान मंदिर के पास दो ट्यूबवेल का निर्माण कराया गया था तथा गांव में पाइप लाइन बिछाई गई थी। उक्त जल योजना में 125 नल कनेक्शन जारी किए गए थे, जिसकी फाइल भी जमा हो गई थी।

इसके अलावा टंकी के पास एक और बोरिंग कराई गई थी। करीब दो वर्ष चलने के बाद बोरिंग का भू-जल स्तर नीचे चले जाने के कारण उक्त पेयजल योजना करीब आठ वर्षों से बंद पड़ी है। ग्राम पंचायत पुराना राजगढ़ कार्यालय के पास जनता जल योजना की सिंगल फेज बोरिंग से पानी भरने के लिए ग्रामीण महिलाओं की भीड़ उमड़ती है। कई बार तो उक्त बोरिंग पानी की जगह हवा देने लगती है। इसके अलावा मानजी की बावड़ी के पास लगी थ्री फेज बोरिंग एक घंटे ही चल पाती है। इसके अलावा सेढ़ मोहल्ला में तीन सिंगल फेस बोरिंग हैं, लेकिन ये बोरिंग भी एक घंटा चलने के बाद हवा देने लगती हैं।

जिससे गांव में पानी की समस्या बनी हुई है। ग्रामीणों को 400 रुपए प्रति टैंकर के हिसाब से टैंकर मंगवाकर टंकियों में पानी डलवाना पड़ रहा है। बड़ी मुश्किल से मिल रहा है पेयजल पुराना राजगढ़ की पेयजल योजना की बोरिंग भूजल स्तर गिरने के कारण करीब आठ साल से बंद पड़ी हैं। गांव में लगी बोरिंग के सहारे ग्रामीणों को बड़ी मुश्किल से पेयजल मिल रहा है। उक्त बोरिंग कई बार पानी की जगह हवा देने लगती हैं। ग्रामीणों को टैंकर से पानी मंगवाना पड़ रहा है। यदि पेयजल योजना की बोरिंग को गहरा कर दिया जाए तो योजना शुरू हो सकती है। कई जगह पेयजल की समस्या पुराना राजगढ़ गांव की जनता जल योजना बोरिंग सूखने के कारण करीब आठ साल से बंद पड़ी है। गर्मी के मौसम में कई जगह पेयजल समस्या बनी रहती है।

पुरानी राजगढ़ जनता पेयजल योजना अप्रैल 2023 में हैंडओवर हुई थी, जो सिस्टम हमें हैंडओवर हुआ था, उसमें पुराने राजगढ़ में एक ट्यूबवेल था, जिसे हम आज भी चला रहे हैं। यह पुरानी व्यवस्था है। हमें जो मिला, उसे चलाते रहे। जेजेएम आने पर हम इसे नए रूप में विकसित करेंगे। पुराना राजगढ़ जेजेएम में स्वीकृत है। जेजेएम के वर्क ऑर्डर जारी होंगे तो हम काम करवाएंगे और अच्छा सुधार होगा। सभी काम नए सिरे से करवाए जाएंगे। प्रकाश मीना, सहायक अभियंता, जलदाय विभाग।