गर्मी बढ़ने से पहले ही राजस्थान के इस जिले में मिली जल संकट की आहट, 22 बांधों में से केवल 3 बांधों में ही बचा पानी

गर्मी शुरू होने से पहले ही अलवर, खैरथल-तिजारा और कोटपूतली-बहारोड़ के नदी-नाले, तालाब और बांध सूख गए हैं। सिंचाई विभाग के अधीन 22 बांधों में से मात्र 3 बांधों में ही पानी बचा है और शेष 19 बांध खाली हो गए हैं। ऐसे में इन बांधों के आसपास रहने वाले पशु-पक्षियों को जल संकट का सामना करना पड़ेगा। पिछले साल मानसून के दौरान बारिश ने दो साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया था।
अलवर में औसत बारिश 555 मिमी है, लेकिन 1100 मिमी से अधिक पानी बरसा। इसके बाद भी केवल सिलीसेढ़, मंगलसर और मानसरोवर में ही पानी बचा है। इन बांधों में भी पानी कम हो रहा है। मानसून के दौरान 10 बांधों में पहुंचा था पानी मानसून के दौरान 22 में से 10 बांधों में पानी आया था, लेकिन मानसून की विदाई के साथ ही पानी कम होने लगा। इसके साथ ही जिला परिषद के अधीन 107 बांधों में से अधिकांश सूख गए हैं। जिले में जुलाई में मानसून आएगा।
इन बांधों व नदियों का जलस्तर खाली
जयसमंद, रामपुर, जयसागर, देवती, धमरेड़, लक्ष्मणगढ़, बाघेरी खुर्द, जैरोली, खानपुर, हरसौरा, जैतपुर, बावरिया, सिलीबेरी, बीघोता, तुसारी, निम्बाहेड़ी, सरेन खुर्द, समरसरोवर व साबी, रूपारेल आदि नदियों में पानी सूख गया है। इनका पानी रसातल में पहुंच गया है। बताया जा रहा है कि कई इलाके सूखे की चपेट में हैं। इनमें राजगढ़, मालाखेड़ा, लक्ष्मणगढ़, बानसूर, बहरोड़, गोविंदगढ़ आदि के कुछ इलाके शामिल हैं। आने वाले दिनों में इन बांधों व तालाबों में धूल उड़ती नजर आ सकती है।