Alwar अधिकारियों व कर्मियों के रवैये से नाराज वार्ड 41 की पार्षद ने आयुक्त को दिया इस्तीफा
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अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर प्रदेश में भाजपा की सरकार होने और अलवर शहर से मंत्री होने तथा नगर निगम में भाजपा का चेयरमैन होने के बावजूद पार्षद संतुष्ट नहीं हैं। इसी असंतोष के बीच वार्ड क्रमांक 41 की भाजपा पार्षद अंजलि अटल ने शुक्रवार शाम नगर निगम आयुक्त मनीष फौजदार को पार्षद पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया. पार्षद ने कहा कि निगम के अधिकारी व कर्मचारी फोन नहीं उठाते हैं. उठाने पर अभद्र व्यवहार करता है। इससे परेशान होकर उन्होंने इस्तीफा दिया है. इस मामले में आयुक्त फौजदार ने कहा कि पार्षद अंजलि ने अधिकारियों और कर्मचारियों की शिकायत की थी. उन्हें समझाया गया है. मैं पार्षद का इस्तीफा स्वीकार करने के लिए अधिकृत नहीं हूं. पार्षद का इस्तीफा केवल कलेक्टर को ही दिया जा सकता है। पार्षद का कहना है कि कोई समझौता नहीं हुआ है. हम मेयर से इस्तीफा देने भी गए थे, लेकिन उन्होंने कलेक्टर या कमिश्नर से इस्तीफा देने को कहा। इसके बाद कमिश्नर ने इस्तीफा दे दिया.
जानिए...किसे और कैसे दे सकता है पार्षद इस्तीफा?
डीएलबी के पूर्व विधि निदेशक अशोक सिंह ने बताया कि राजस्थान नगर निगम अधिनियम 2009 की धारा 38 के अनुसार कोई भी सदस्य प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा सत्यापित हस्ताक्षर के साथ अपना त्याग पत्र अध्यक्ष (नगर निगम के मामले में महापौर) को सौंप सकता है। त्यागपत्र महापौर अथवा सभापति की स्वीकृति प्राप्त होने अथवा 15 दिन बाद, जो भी पहले हो, स्वीकृत माना जाता है। सिंह का कहना है कि आमतौर पर लेटरहेड पर दिया गया इस्तीफा वैध नहीं होता है. खैरथल खैरथल-तिजारा एसपी ने पुलिस थाने में प्राप्त शिकायतों में लापरवाही बरतने वाले दो कार्मिकों को निलम्बित कर दिया है।
इन दोनों के खिलाफ जनसुनवाई में शिकायत मिली थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है. एसपी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा चलाए जा रहे जनसुनवाई अभियान के दौरान एसपी कार्यालय में आयोजित की गई थी. जनसुनवाई में दो पुलिस कर्मियों के खिलाफ शिकायत मिली। जिस पर मुण्डावर थाने में प्राप्त विभिन्न शिकायतों की जांच की गई। जांच में मुंडावर थाने के जांच अधिकारियों की लापरवाही सामने आई। इस पर जांच अधिकारी कृष्ण कुमार, सहायक उपनिरीक्षक और कृष्ण चंद हेड कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है।