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Alwar मत्स्य उद्योग क्षेत्र की इकाइयां अंधाधुंध कर रही भूमिगत जल का दोहन

 
Alwar मत्स्य उद्योग क्षेत्र की इकाइयां अंधाधुंध कर रही भूमिगत जल का दोहन

अलवर न्यूज़ डेस्क, जिले में भूमिगत पानी का स्तर लगातार गिर रहा है। किसान परेशान और आमजन भी पानी नहीं आने से व्यथित है। इसके बाद भी शहर के मत्स्य औद्योगिक क्षेत्र (एमआईए) में लगी इकाईयां भूमिगत जल का जमकर दोहन कर रही हैं। हालत इतने बदतर हो चुके हैं कि आसपास रहने वाले किसानों को खेती के लिए पानी ही नहीं मिल पा रहा है। इसके चलते खेत सूने पड़े हैं और किसानों के सामने परिवार चलाने का संकट पैदा हो गया है।  पानी दोहन के साथ फैक्ट्रियों से निकलने वाला दूषित पानी भी जमीन को खराब कर रहा है। यह पानी भी खुले में छोड़ा जा रहा है जो खेतों में पहुंच रहा है। एमआईए में भूमिगत पानी का उपयोग शराब और बीयर के साथ-साथ कैमिकल की फैक्ट्रियों में पानी का दोहन किया जा रहा है। इस क्षेत्र में करीब 25 फैक्ट्रियों में लगातार भूमिगत जल का उपयोग किया जा रहा है।

बोरिंग फेल, एक हजार फुट गहराई में पहुंचा पानी : फैक्ट्रियों के आसपास गूंदपुर, सैयद खेड़ली, ढढ़ोली, कमालपुरा, खानपुर जाट, कैरवाजाट, नाहरपुर, डूमेंड़ा आदि गांवों में किसानों के बोरिंग में पानी खत्म हो गया है। हर साल इन गांवों में सैंकड़ों की संख्या में बोरिंग करवाई जाती है और हर बार बोरिंग फेल हो जाती है। पानी नहीं मिल पाता है। इन क्षेत्रों का भूजल एक दशक पहले 100 से 200 फीट पर था, लेकिन जैसे ही फैक्ट्रियों ने पानी का बेशुमार पानी का दोहन शुरू किया तो भूजल स्तर 500 से 1000 फीट गहराई पर पहुंच गया है। कुएं व तालाब कुआं सूख चुके हैं।

बढ़ेगा पानी का संकट : शहर से लेकर गांवों तक गर्मी में पानी का संकट गहराएगा। गर्मियों में पानी की खपत बढ़ेगी। विभाग के पास अतिरिक्त पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। नए नलकूपों को गहराई तक खोदने के बाद भी पानी नहीं मिला तो विभाग ने नलकूप खोदना बंद कर दिया है। अभी से शहर के कई इलाकों में महज 15 मिनट चार से पांच दिन में पानी आ रहा है।फैक्ट्रियों की ओर से निकलने वाले प्रदूषण युक्त पानी के लिए ट्रीटमेंट प्लांट होना आवश्यक है। इसके लिए सभी फैक्ट्रियों को निर्देंश दिए गए हैं। इस माह भी चार फैक्ट्रियों पर ट्रीटमेंट प्लांट नहीं होने पर कार्रवाई की गई है। विभाग प्रदूषण रोकने के लिए प्रयासरत है।