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Alwar दोस्त के धोखे से परेशान होकर बेटियों समेत कंपनी के मालिक ने की आत्महत्या, FIR

 
Alwar दोस्त के धोखे से परेशान होकर बेटियों समेत कंपनी के मालिक ने की आत्महत्या, FIR 

अलवर न्यूज़ डेस्क, कोटपूतली-बहरोड़ जिले के कुरेली गांव के रहने वाले फाइनेंस कंपनी के मालिक ने 8 मार्च को दो बेटियों के साथ ट्रेन के आगे कूदकर सुसाइड कर लिया था। घर में न तो किसी से कोई अनबन थी और न ही सिर पर कोई कर्ज था। बस, एक दोस्त ने बिजनेस में ऐसा धोखा दिया कि वह बुरी तरह से टूट गया था और यह कदम उठा लिया। घर से करीब 12 किमी दूर नारनौल (हरियाणा) के पास रेलवे ट्रैक पर विनोद (28) पुत्र गुलाब यादव ने बेटियों छवि (6) और दीक्षिता (3) के साथ अपनी जान दे दी। तीनों के शव जब घर की दहलीज पर लाए गए तो बूढ़े पिता गुलाब यादव खुद को संभाल नहीं पाए। इकलौते जवान बेटे और दो मासूम पोतियों के शवों पर वह दहाड़ मारकर रो रहे थे। पुलिस को विनोद की जेब से सुसाइड नोट मिला था। इसमें बिजनेस पार्टनर के धोखे की बात लिखी थी। पूरी सच्चाई जानने के लिए टीम गांव कुरेली पहुंची। विनोद का घर गांव से दो किलोमीटर दूर कुएं के पास था।

पिता बोले- बेटे ने किसी का क्या बिगाड़ा था

एक ही घर में तीन-तीन मौत। एक घर ही नहीं बल्कि पूरा गांव सदमे में है। घर के आंगन में दरी बिछी है। गांव के लोग आ जा रहे हैं। यहां आने वाले किसी भी शख्स के आंसू नहीं थम रहे। लोग दिलासा देने तो आते हैं, लेकिन फिर बूढे़ पिता गुलाब यादव को देख खुद ही रो पड़ते हैं। जब से बेटे और पोतियों को अंतिम विदाई दी है, उन्होंने बमुश्किल कुछ खाया-पिया है। बस, एकटक बैठे रहते हैं। बार-बार एक ही बात बोलते हैं- मेरे बेटे ने किसी का क्या बिगाड़ा था। मेरी दो पोतियां थीं। वे तो मासूम ही थीं। फिर बुदबुदाते हुए कहते हैं- क्या ही करूं, कहां जाऊं। पिता गुलाब यादव अपने बड़े भाई रघुवीर सिंह के साथ दो मंजिला घर में संयुक्त परिवार में रहते हैं। ग्राउंड फ्लोर पर रघुवीर सिंह का परिवार रहता है। ऊपरी मंजिल पर गुलाब यादव का परिवार रहता है। हमने घर के सदस्यों से बात की। उनके जरिए विनोद की पत्नी अंजना (25) से बात हुई।

पत्नी ने बताया- क्या हुआ था 10 दिन पहले

घर के कोने में महिलाओं के बीच बैठी अंजना को अब भी यकीन नहीं है कि कुछ ही पल में परिवार बिखर गया। न पति रहा और न ही बेटियां। बड़ी मुश्किल से वे कुछ बताने को तैयार हुईं। उन्हें बार-बार विनोद के साथ 10 दिन पहले हुई बातें याद आती हैं, जो विनोद ने किसी को भी बताने से इनकार किया था। वे बाेलीं- इनकी झुंझुनूंं जिले के बुहाना के समीप बड़वर के रहने वाले विनय यादव से दोस्ती हो गई थी। विनय का वहां फोटो स्टूडियो था। दोनों ने मिलकर उसमें पैसा लगाकर काम करने की सोची। इन्होंने उसे पैसे दिए और काम शुरू कर दिया। हमें इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता था। लेकिन, कुछ दिन से ये गुमसुम रहने लगे थे। हमें कुछ नहीं बताया। करीब 10 दिन पहले इन्होंने मुझसे कहा- बहुत परेशानी हो गई है। मैंने पूछा- क्या हुआ? तब वे बोले- वो विनय है न, उसके साथ मैंने स्टूडियो और फाइनेंस का बिजनेस शुरू किया। मेरा खूब पैसा लगा है। मैं उससे 25 लाख रुपए मांगता हूं, लेकिन वो दे नहीं रहा। अब जब भी मांगता हूं तो मारने की धमकी देता है। कुछ समझ में नहीं आता, क्या करूं? तब मैंने उनसे कहा था- चिंता मत करो, घर में सबसे बात कर लो। फिर जो सही लगे, वह करना। लेकिन, उन्होंने मुझे कसम दे दी। कहा- नहीं, ये बात किसी को नहीं बतानी। फालतू में बात बढ़ेगी। मैं विनय से दोबारा बात करूंगा। ये सब बताते-बताते अंजना फफक पड़ीं। बोलीं- काश! मैंने उनकी बात नहीं मानी होती। घर में सबको पूरी बात बता दी होती तो वे आज जिंदा होते। बेटियां जिंदा होतीं।

विनोद के ताऊ रघुवीर सिंह (65) ने बताया कि विनोद बी.कॉम. पास था। उसकी मां का 12 साल पहले निधन हो चुका था। हमने धूमधाम से विनोद की शादी की थी। विनोद एकदम सीधा और सरल स्वभाव का था। वह फाइनेंस, इंश्योरेंस और एलआईसी एजेंट का भी काम करता था। दो साल पहले उसने भगवाड़ी बैंक ऑफ बड़ौदा में नौकरी की। उसी दौरान विनोद की विनय से दोस्ती हो गई थी। विनय का बैंक के सामने ही शिवानी फोटो स्टूडियो है। दोनों ने मिलकर दुकान में पैसा लगाया और काम शुरू किया।

बेटियों को डॉक्टर को दिखाने के बहाने ले गया था

घटना वाले दिन शुक्रवार को क्या-क्या हुआ था? इस सवाल पर रघुवीर सिंह बताते हैं- मुझे तो इस बारे में जानकारी नहीं थी कि विनोद इतनी मानसिक परेशानी झेल रहा था। शुक्रवार को वह बेटियों छवि और दीक्षिता को डॉक्टर को दिखाने के लिए जखराना जाने की बात कह कर निकला था। दोनों बेटियों को खांसी-जुकाम था।विनोद जब बच्चियों के साथ बाइक पर जा रहा था, उस समय मेरे पोते कशिश (10) और अक्षय (9) भी साथ चलने की जिद करने लगे। पहले तो उसने मना किया, लेकिन बच्चों के ज्यादा ही जिद करने पर वह उन्हें साथ ले गया। विनोद जब घर से निकला था तो बाइक पर उसके अलावा घर के चार बच्चे थे।

 पोतों को ट्रैक से दूर छोड़ा

गांव कुरेली से जखराना जाते हुए शाम करीब 7 बजे वह हरियाणा के नारनौल में कादिपुरी गांव के रेलवे ट्रैक के पास रुका। विनोद ने कशिश और अक्षय को अपना फोन दिया। उन्हें कहा कि तुम यहां अपनी फोटो-वीडियो क्लिक कर लो, तब तक मैं दोनों बच्चियों को ट्रेन दिखा देता हूं। कशिश और अक्षय फोटो क्लिक करने लगे। इतनी देर में विनोद दोनों बच्चियों के साथ ट्रैक पर जाकर ट्रेन के सामने कूद गया। विनोद और दो बच्चियों की चीख सुनते ही कशिश व अक्षय ट्रैक की तरफ भागे। वहां तीनों के कटे हुए शव पड़े थे। दोनों बच्चे घबराकर रोते हुए घर की तरफ भागे। करीब 700 मीटर दूर एक घर से किसी ने निकल कर बच्चों को रोक कर पूछा तो उन्होंने अपने चाचा के ट्रेन से कटने की बात बताई। वहां मौजूद लोगों ने बच्चों से मोबाइल लेकर घर पर फोन कर सूचना दी।

भाई और दोस्त को भी नहीं बताई परेशानी

रघुवीर सिंह के बेटे विजय सिंह ने बताया कि विनोद की जेब से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला था। जो अभी पुलिस के पास ही है, लेकिन उसमें लिखा है कि मेरी मौत का जिम्मेदार शिवानी स्टूडियो वाला है। मैं उससे अपने पैसे मांगता हूं और वो देता नहीं है। पिछले दिनों उसने मुझे मारने की धमकी दी। दो-तीन दिन पहले भी उससे पैसे मांगे तो उसने मुझे ही मारने की धमकी दी। विजय ने बताया कि विनय ने उसके भाई विनोद से 25 लाख रुपए लिए हुए थे। विनोद इतना परेशान था, इसका एहसास उसने किसी को नहीं होने दिया। विनोद के दोस्त धर्मेंद्र यादव ने बताया कि हम दिन में कम से कम दो बार मिलते थे। गांव में गाड़ियों का इंश्योरेंस और फाइनेंस का काम वही करता था। अक्सर अपने करियर और बेटियों को लेकर परेशान रहता था। वह कहता था कि मेरे दो बेटियां हैं। कमाई कम हो रही है। अगर तीसरा बच्चा होगा तो इनका लालन-पालन कैसे होगा। वह पिछले 10-15 दिन से मानसिक तनाव में था। मैंने कई बार बातों-बातों में पूछा भी था कि तू परेशान है क्या? लेकिन, उसने कभी खुलकर नहीं बताया। इस मामले में जीआरपी रेवाड़ी (हरियाणा) के एसएचओ भूपेंद्र सिंह ने बताया- शुक्रवार को विनोद नाम के युवक और दो बच्चियों के क्षत-विक्षत शव ट्रैक पर पड़े मिले थे। तलाशी ली गई तो विनोद की जेब से एक सुसाइड नोट मिला। इसमें विनोद ने अपने बिजनेस पार्टनर शिवानी फोटो स्टूडियो के मालिक विनय यादव पर 25 लाख रुपए हड़पने का आरोप लगाया है। विनय बहरोड़ के हरियाणा बॉर्डर पर गांव भगवाड़ी कलां का रहने वाला है। बहरहाल, पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।