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Alwar कुनबा बढ़ाने के लिए प्रदेश के अन्य अभयारण्यों से बाघ लाए जाएंगे

 
Alwar कुनबा बढ़ाने के लिए प्रदेश के अन्य अभयारण्यों से बाघ लाए जाएंगे
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर अगर सब कुछ ठीक रहा तो सरिस्का में टाइगरों की संख्या बढ़कर 34 पहुंच जाएगी। इस पर वन विभाग कार्य करने लगा है। माना जा रहा है कि सितंबर-अक्टूबर तक सरिस्का में नए टाइगर दिखेंगे। केंद्र सरकार से एक तरह से इस पर मौखिक सहमति हो गई है।

इस तरह बनी योजना : वर्ष 2005 में सरिस्का बाघविहीन हो गया था। पर्यटकों का आना लगभग कम हो गया था लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे वन विभाग के प्रयास आगे बढ़े और रंग लाए। आज टाइगरों की संख्या 30 पहुंच गई है। इसी के चलते सरिस्का की सालाना आय बढ़कर 450 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। इस आय को 500 करोड़ पार ले जाने का लक्ष्य है। उसी को ध्यान में रखते हुए नए सिरे से सोचा जा रहा है। हाल ही में केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव से वन मंत्री संजय शर्मा की दिल्ली में मुलाकात हुई। वन मंत्री ने उनके समक्ष 4 टाइगर सरिस्का में ट्रांसलॉकेट के लिए कहा है। इस पर लगभग मौखिक सहमति बन गई है। वन मंत्री की बातचीत के आधार पर अब वन विभाग आगे की तैयारी में जुटा है।

यहां से लाए जा सकते हैं टाइगर : ये चार टाइगर मुकुंदरा अभयारण्य कोटा व शाहगढ़ जैसलमेर से लाने की तैयारी है। हालांकि यहां से संभावनाएं कम होंगी या कुछ बाधाएं आई तो दूसरे अभयारण्यों से भी टाइगर सरिस्का ट्रांसलॉकेट होंगे। सरिस्का के सीनियर गाइड राकेश सिंह कहते हैं कि एक टाइगर को अपनी टेरेटरी के लिए 25 किमी तक का एरिया चाहिए। ऐसे में 100 वर्ग किमी एरिया इन चार टाइगर के लिए चाहिए। हाल ही में केंद्र सरकार ने सरिस्का का दायरा करीब 650 वर्ग किमी बढ़ा दिया है। ऐसे में अब टाइगरों को टेरेटरी बनाने में दिक्कत नहीं आएगी।

बाघों की संख्या बढ़ाने पर चल रहा है मंथन : सरिस्का के क्षेत्र निदेशक महेश शर्मा ने कार्यभार संभाल लिया है। उनका कहना है कि सरिस्का में पर्यटन बढ़े, इसके लिए कदम उठाए जाएंगे। टाइगरों की संख्या और बढ़े, इस पर भी मंथन चल रहा है। टाइगरों की मॉनिटरिंग और बेहतर करेंगे। यहां की मॉनिटरिंग अन्य अभयारण्यों से अलग है।