Aapka Rajasthan

Alwar राणावत की पहाड़ियों तक पहुंचा बाघ, सरिस्का टीम हुई अलर्ट

 
Alwar राणावत की पहाड़ियों तक पहुंचा बाघ, सरिस्का टीम हुई अलर्ट 
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर सरिस्का के जंगलों से निकलकर हरियाणा के रेवाड़ी तक पहुंचने के बाद बाघ एसटी-2303 अब वापस ततारपुर के पास राणावत गांव में देखा गया है. वहां पहाड़ के आसपास बाघ के पगमार्क भी मिले हैं. पिछले 15 दिनों से वनकर्मियों की टीमें पगमार्क के आधार पर बाघ का पीछा कर रही हैं। अब बाघ के पहाड़ी जंगल के रास्ते सरिस्का लौटने की संभावना बढ़ गई है। दरअसल, टाइगर करीब 2 महीने से सरिस्का के बाहर घूम रहे हैं. पहले तो वनकर्मियों का पता नहीं चल सका। टपूकड़ा में एक किसान पर हमला हुआ तो उसके पीछे टीम लगा दी गई.

सरसों के खेतों में दिखाई नहीं देता

रनौट गांव के लोगों का कहना है कि सरसों के खेत में बाघ देखा गया है. दिन में कहीं-कहीं दिखाई देता है। लेकिन शाम होते-होते दूसरी जगह पहुंच जाता है. वनकर्मियों का कहना है कि वे 15 दिनों से बाघ का पीछा कर रहे हैं. जहां बाघ के पगमार्क मिले हैं। टीम वहां पहुंचती है. अब टाइगर रेवाड़ी के पास से वापस सरिस्ता की ओर आने की कोशिश कर रहा है. ततारपुर के पास रनौट गांव में बाघ के पगमार्क मिले हैं. यहां चारों ओर पहाड़ियां हैं. अब बाघ पहाड़ी के सहारे सरिस्का जंगल की ओर बढ़ सकता है। शुक्रवार सुबह मुण्डावर तहसील के गांव गोपीपुरा, तेहड़का और कासिया की ढाणी के आसपास बाघ देखा गया। यहां पगमार्क भी मिले हैं। लेकिन दोपहर को वहां से निकलकर वे रायपुर के मुंडावर उपखंड के गांव राणावत पहुंच गए. तालवृक्ष रेंजर दिलीप सिंह ने बताया कि शुक्रवार को ग्राम गोपीपुरा, टेहरका से निकलते समय रायपुर राणावत के पास बाघ के पगमार्क मिले। जिसके पीछे टीमें लगातार काम कर रही हैं.

ग्रामीण सतर्क रहें

वनकर्मी ग्रामीणों को सचेत कर रहे हैं कि वे शाम होते ही खेत छोड़कर अपने घरों को लौट जाएं। अगर आप दिन में खेती का काम करते हैं तो भी सरसों के खेतों में जाने से बचें. क्योंकि बाघ सरसों के खेतों को अपनी सुरक्षा के लिए सबसे सुरक्षित जगह मानता है. इस दौरान टीम में किशनगढ़बास क्षेत्रीय वन अधिकारी ललित सिंह, टाइगर ट्रैकर राजेश गुर्जर, विश्राम, अजय, सूबेसिंह व अन्य कर्मचारी शामिल हैं।