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Alwar बाघ की मौजूदगी से गोपीपुरा व रानोठ के ग्रामीण दहशत में आये

 
Alwar बाघ की मौजूदगी से गोपीपुरा व रानोठ के ग्रामीण दहशत में आये 

अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर सरिस्का से करीब 15 दिन पहले निकला बाघ ग्रामीणों के लिए खौफ़ का कारण बना हुआ है। शुक्रवार को बाघ की लोकेशन मुंडावर क्षेत्र के ग्राम गोपीपुरा एवं रानोठ के जंगल में बनी रही। जिसे ग्रामीण सहमे हुए हैं। कृषक खेतों में जाने से कतरा रहे हैं। इधर वन विभाग की टीम बाघ के साथ अठखेलिया खेल रहा है। जिससे तू डाल-डाल मैं पात- पात वाली कहावत साबित हो रही है। पिछले 15 दिनों से वन विभाग के कारिंदे मुंडावर क्षेत्र के ही गांव रसगन एवं भोजपुर के जंगलों से बाघ के पीछे-पीछे लगे हुए हैं। इसके बाद यही बाघ हरियाणा के जंगलों में तहलका मचाते हुए एक बार फिर मुंडावर क्षेत्र के ग्राम चांदपुर, माजरी खोला के बापरोली एवं साहिब नदी से होते हुए दूंनवास व बधिन के जंगलों से होता हुआ बानसूर क्षेत्र में भी पहुंच गया था।

लेकिन वन विभाग के कारिंदे बाघ को पकड़ने की बजाए सरलता से उनकी गिरफ्त में आने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन बाघ वन विभाग के कारिंदों एवं ग्रामीणों को छकाता हुआ एक बार फिर शुक्रवार को मुंडावर क्षेत्र के गांव गोपीपुर रानोठ के जंगलों में ग्रामीणों की भय कारण बना गया है। पग मार्ग वन विभाग की टीम भी शुक्रवार को किसी जंगल में खाक छानने पहुंच गई। एडवोकेट सतीश नाहरखेड़ा रूपेश हवेली आदि का कहना है कि पिछले 15 दिनों से बाघ से ग्रामीण भयभीत बने हुए हैं।कृषक सहित ग्रामीण अपने खेतों में जाने से कतरा रहे हैं। लेकिन वन विभाग को इससे कोई लेना देना नहीं है। लोगों का कहना है कि वन विभाग की टीम बाघ को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ सकती है। लेकिन किसी अनहोनी होने के खतरे से टीम भी ऐसा करने से कतरा रही है।