Alwar शहर के इन घरों की चारदीवारी में छिपा है खुशियों का राज
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शहर के चूड़ी मार्केट में सौ साल पुरानी हवेली। इसे बस्सी वालों की हवेली के नाम से जाना जाता है। इस हवेली में हजारीलाल का परिवार वर्ष 1937 से पहले से रह रहा है। 91 वर्षी ंय हजारीलाल के परिवार में 20 सदस्य हैं। पत्नी चंद्रकला के नाम पर ही इस हवेली का नाम चंद्र भवन रखा हुआ है। इस परिवार में हजारीलाल के तीन बेटे, तीन बहुएं, पौत्र, पौत्र बहू के साथ पड़पोती, पड़पोते एक साथ रहते हैं। हजारीलाल बताते हैं कि संयुक्त परिवार का सबसे बड़ा फायदा यह है कि सभी मिलकर मेरी देखभाल करते हैं। परिवार के सदस्य लोकेश खंडेलवाल बताते हैं कि नफा हो या नुकसान हम मिलकर उठाते हैं।
कालाकुआं अरावली विहार 1- 544 निवासी पवन जैन चौधरी के परिवार में चार पीढ़ियां एक ही घर में एक साथ रहती हैं। परिवार में 18 सदस्य है। सभी का खाना एक ही चूल्हे पर बनता है। सभी बहुएं मिलकर रसोई संभालती हैं। परिवार की सबसे वरिष्ठ सदस्य विमला देवी करीब 80 साल की हैं। इनके चार बेटे, चार बहू, तीन पोते, चार पोतियां साथ रहते हैं। एक बहन की शादी हो चुकी है। मां ने बताया कि पवन जब 32 साल के थे तो पिता की मृत्यु हो गई। परिवार टूटे नहीं इसलिए पवन ने भाइयों को अपने साथ रखने का निर्णय लिया। पिता की सरकारी नौकरी सबसे छोटे भाई को दिलाई।