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Alwar शिक्षा संकुल का सपना कागजों में हो गया दफन, जिम्मेदार लापरवाह

 
Alwar शिक्षा संकुल का सपना कागजों में हो गया दफन, जिम्मेदार लापरवाह 
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर जिले में सभी अधिकारी और कर्मचारियों के लिए मिनी सचिवालय को निर्माण हो चुका है। इसमें 25 से अधिक विभागों के अधिकारियों के ऑफिस मौजूद है, लेकिन अभी भी बहुत से ऑफिस इधर- उधर संचालित हैं। इसमें शिक्षा विभाग के अलवर में चार ऑफिस शामिल हैं, जो अलग-अलग जगहों पर संचालित है। वहीं, जिले में सरकारी स्कूलों की संख्या 2782 हैं तथा 2000 से अधिक गैर सरकारी स्कूल संचालित हैं। इन स्कूलों में हजारों की संख्या में शिक्षक कार्यरत हैं। शिक्षकों को आने वाली समस्याओं को हल करने के लिए दो से चार किलोमीटर तक दौड़ लगानी पड़ती है। इन ऑफिसों में जिला शिक्षा अधिकारी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, डाईट और समसा शामिल हैं, जो शहर के अलग-अलग जगह चल रहे हैं।

शिक्षा का संकुल बने तो मिले राहत, अधिकारी हो एक छत के नीचे : जिले में शिक्षा विभाग के ऑफिस हजारों वर्ग गज जमीन में कार्यरत हैं। विभाग की ओर से एक शिक्षा संकुल बन जाए तो एक छत के नीचे शिक्षा विभाग के सभी ऑफिस आ जाएं और आने वाले लोगों की समस्याओं को समय रहते निपटाया जा सकता है। वहीं, बताया जाता है कि एक बार शिक्षा संकुल बनाने के लिए एक प्लान तैयार किया गया, लेकिन अब वो कागजों में दफन हो गया है। जिले में वर्तमान में चल रहे समसा की खाली पड़ी जमीन में शिक्षा संकुल बनाने की तैयारी चल रही है। शिक्षा संकुल बन जाने के बाद समस्याओं की फाइलों को जल्द सुलझाया जा सकता है।

अब एक फाइल को दूसरे, तीसरे और चौके ऑफिस तक पहुंचने में एक से दो सप्ताह लग जाता है। इससे सभी फाइलों के काम समय पर नहीं हो पाता है। सरकारी की ओर से यदि जिले में शिक्षा संकुल बनाया जाता है तो चार स्थानों की बजाय एक जगह पर कार्यालय खुलने के बाद यहां की जमीन को किसी अन्य कामों के लिए उपयोग किया जा सकता है।अलवर जिले में भी जयपुर की तर्ज पर शिक्षा विभाग के ऑफिस एक ही छत के नीचे संचालित हो जाएं तो आने वाली सभी समस्याओं को जल्द से जल्द से हल किया जा सकता है। जिले में शिक्षा संकुल बनने की आवश्यकता है।