Alwar शिक्षण संस्थानों और कार्यालय जांच में फंसे दस हजार आवेदन
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पहले विधानसभा चुनाव के चलते अटका था मामला
विधानसभा चुनाव के चलते अक्टूबर माह में विभागीय कर्मचारियों की डयूटी लगने से कार्यालय स्तर व सहायक निदेशक स्तर पर आवेदनों की जांच का काम आगे नहीं बढ़ पाया है। इसके साथ ही कॉलेजों में भी छात्रवृत्ति आवेदन जांचने में लापरवाही बरती जा रही है। इसके चलते अभी तक जांच पूरी नहीं हो पाई है। लोकसभा चुनाव के चलते अब आचार संहिता लगने वाली है। ऐसे में एक बार फिर कर्मचारियों की डयूटी लगने से आवेदनों की जांच का काम अटक सकता है।
छात्रों की पीड़ा, पाई पाई लेकर की पढ़ाई, अब कहां से चुकाएंगे उधार
छात्रवृत्ति की समय पर जांच और भुगतान ना होने से कॉलेजों के विद्यार्थियों पर आर्थिक संकट मंडराने का खतरा बना हुआ है। राजगढ़ निवासी कमला जाटव ने बताय कि निजी कॉलेज की बीएड की फीस भरने के लिए पिता ने ब्याज पर पैसा उधार लिया था, उम्मीद थी कि समय पर छात्रवृत्ति का पैसा मिलेगा तो चुका देंगे, लेकिन अभी तक आवेदन ही नहीं जांचे गए हैं। भजीट निवासी युवक सुंदरलाल का कहना था कि इस साल नर्सिंग कर रहा हूं। अभी तक पिछले साल की छात्रवृत्ति नहीं मिली है और इस साल भी आवेदन बिना जांच के ही अटके हुए हैं। हमने कॉलेजों को बार बार रिमांडर भेजा है लेकिन इसके बाद भी आवेदन रोके हुए हैं। जांच करके नहीं भेजे हैं। इससे छात्रवृत्ति समय पर नहीं मिल पाएगी। करीब पचास प्रतिशत आवेदन रोके हुए हैं।