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Alwar ओवरब्रिज की स्थिति देखने पहुंची विशेषज्ञों की टीम, जल्द होगी मरम्मत

 
Alwar ओवरब्रिज की स्थिति देखने पहुंची विशेषज्ञों की टीम, जल्द होगी मरम्मत
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर तिजारा ओवर ब्रिज के नीचे की तरफ दीवारों से ब्लॉक्स के अंदर से रोडी और बजरी निकलने पर शनिवार को मौके पर बल्ली लगा दी गई थी। इस की जानकारी इंजीनियरों को दी गई। सोमवार को यूआईटी, आरएसआरडीसी की टीम व विशेषज्ञों ने मौका देखा। जल्द ही इसकी मरम्मत का कार्य शुरू किया जाएगा। पुल बनाने में लगा दिए बीस करोड़, दस साल में ही मंडराने लगा खतरा, शीषर्क से समाचार प्रकाशित कर अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया था। इसके बाद हरकत में आए अधिकारियों की टीम ने मौका मुआयना किया है।

विशेषज्ञों ने बताया कि ओवर ब्रिज की दीवारों पर लगाए गए ब्लॉक्स में ग्राउंटिंग की जाएगी। इससे खाली जगह भर जाएगी और इसमें अंदर की रोडी और मिट्टी बाहर नहीं आएगी। ब्लॉक्स में बोल्टस लगाकर इसको भरा जाएगा। इससे ब्लॉक्स में जो खाली जगह है वो भर जाएगी। इसकी सामग्री बाहर नहीं आएगी। यदि ऐसा होने के बाद भी कोई परेशानी आती है तो फिर से मौका दिखवाया जाएगा। गौरतलब है कि ओवर ब्रिज के बनने के बाद इसको यूआईटी के सुपूर्द कर दिया गया था। इसलिए देखरेख की जिम्मेदारी यूआईटी की थी, लेकिन यूआईटी ने जिम्मेदारी नहीं समझी इसलिए ओवर ब्रिज पर यह हालात बने हैं।

कराना होगा ओवर ब्रिज पर काम : राजस्थान स्टेट रोड डवलपमेंट कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन के प्रोजक्ट डायरेक्टर मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि यूआईटी और हमारी टीम ने मौका देखा हैं। अब इसमें जो भी काम होगा वह यूआईटी को ही करवाना होगा। विशेषज्ञों की टीम ने क्या काम करना है, यह भी यूआईटी को बता दिया है। यूआईटी के एक्सईएन योगेंद्र कुमार और एईएन चांदनी सिंह भी मौके पर मौजूद रही।यह पुल सन 2013 में जनता के लिए चालू कर दिया था। इसको बनाने का काम आरएसआरडीसी ने किया था। इसमें 19 करोड 56 लाख रुपए की लागत आई थी। दस साल बीतने के बाद भी यूआईटी ने बकाया राशि कार्यकारी एजेंसी को जमा नहीं करवाई है। इसके लिए कई बार यूआईटी को पत्र लिखा जा चुका है।