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Alwar लोकसभा चुनाव से पहले प्रत्याशी घोषित होते ही कांग्रेस में फूट

 
Alwar लोकसभा चुनाव  से पहले प्रत्याशी घोषित होते ही कांग्रेस में फूट

अलवर न्यूज़ डेस्क, लोकसभा चुनाव के लिए अलवर से कांग्रेस प्रत्याशी घाेषित हाेते ही पार्टी में फूट सामने आई है। टिकट की दौड़ में शामिल पूर्व सांसद डाॅ. करण सिंह यादव और तिजारा के पूर्व विधायक संदीप यादव ने बागी सुर अपना लिए हैं। ये दोनों नेता टिकट नहीं मिलने का कारण पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह को बता रहे हैं। इनमें डाॅ. करणसिंह यादव खुलकर और संदीप यादव इशारों में उनका नाम ले रहे हैं। दोनों नेताओं का कहना है कि उन्हें साइड कर कांग्रेस अब चुनाव जीतकर ही दिखा दे। डाॅ. करण सिंह ने तो भाजपा प्रत्याशी भूपेंद्र यादव की जीत का दावा किया है। ये दोनों नेता बुधवार को फूलबाग में बुलाई कांग्रेस की मीटिंग में भी नहीं पहुंचे। तीनों नेताओं भंवर जितेंद्र सिंह, डाॅ. करण सिंह व संदीप यादव से बातचीत-

अलवर में कांग्रेस की राजनीति फूलबाग में कैद : करण सिंह

Q : आपको टिकट नहीं मिलने की सबसे बड़ी वजह क्या मानते हैं? -भंवर जितेंद्र सिंह की नाराजगी। शुरू से ही लग रहा था कि इनकी नाराजगी ही मेरा टिकट रोकेगी। अलवर में कांग्रेस की राजनीति फूलबाग में कैद है। इन्होंने मेरी राजनीतिक हत्या की है।

Q :आपका राजनीतिक कॅरियर जैसे शुरू हुआ, उस रफ्तार से नहीं बढ़ा? -जितेंद्र सिंहुशुरू से ही मुझसे नाराजगी रखते थे। 2004 में सांसद बना, पर अगले चुनाव में मेरा टिकट काटा। 2018 के उपचुनाव में जीता, लेकिन 2019 में टिकट काट दिया।

Q : दोनों प्रमुख दलों ने यादव प्रत्याशी उतारे हैं, कौन जीतेगा? -भूपेंद्र यादव बड़े यादव नेता हैं। 12 साल से लगातार राज्यसभा सांसद हैं। वही जीतेंगे।

Q : जितेंद्र सिंह खुद क्यों नहीं लड़े? -किस मुंह से चुनाव लड़ते। लगातार दो बार लोकसभा का चुनाव हार चुके हैं।

Q : मीटिंग में शामिल क्यों नहीं हुए? -मेरा मन नहीं है। इसीलिए मीटिंग में नहीं पहुंचा।

Q : पार्टी छोड़ने का तो इरादा नहीं है? -इसका फैसला साथियों से मिलकर करूंगा।

टिकट काटने वालाें काे जनता सबक सिखाएगी: संदीप यादव

Q : आप टिकट की दौड़ में सबसे आगे थे, फिर टिकट क्यों नहीं मिला? -पार्टी अंत तक मुझे टिकट का आश्वासन देती रही। मुझे सर्वे में पिछड़ा बता रहे थे। अरे, कौनसा सर्वे करा लिया, मुझे दिखाओ तो सही।

Q : अपनों से आपका इशारा? -आप सब जानते हैं। मेरे साथ धोखा करने वाले वही एक-दो बड़े नेता हैं। प्रत्याशी घाेषणा से दो घंटे पहले ही मैं उनके पास बैठकर आया। मुझे कुछ नहीं बताया। मैंने उनकी सभी बातें मानी।

Q : गहलोत सरकार में भी आपको कोई खास वरीयता नहीं मिली? -मैं चुनाव कांग्रेस के रहमोकरम पर नहीं जीता था। बिना शर्त कांग्रेस में शामिल हुआ। संकट के समय सरकार बचाने में मदद की। पहले मुझे मंत्री नहीं बनाया। मैं चुप रहा। तिजारा को जिला बनाने का आश्वासन दिया था, वह भी पूरा नहीं किया।

Q : पार्टी छोड़ने का तो इरादा नहीं? -मैं पार्टी से कहीं नहीं जा रहा हूं। ना ही अलग चुनाव लडूंगा। जनता इनको सबक सिखाएगी।

Q : मीटिंग में शामिल क्यों नहीं हुए? -मेरे पास फोन आया था। मैं बाहर हूं। इसीलिए नहीं गया।

टिकट का निर्णय सीईसी का, मेरा काेई राेल नहीं: जितेंद्र सिंह

Q : करण सिंह व संदीप यादव टिकट नहीं मिलने पर नाराज हैं। अब क्या? -ऐसा नहीं है। दोनों वरिष्ठ नेता हैं। टिकट का निर्णय तो सीईसी का होता है। उसे हमें मानना पड़ता है। मेरा इसमें कोई रोल नहीं है। डॉ. साहब ने तो खुद ललित को बधाई दी है। मेरी उनसे बात हुई है। उन्होंने तो ऐसी कोई नाराजगी नहीं जताई।

Q : करण सिंह का कहना है कि आपकी वजह से कई बार उन्हें टिकट नहीं मिला। -डॉ. साहब हमारे सम्माननीय हैं। पार्टी ने उन्हें कई बार अवसर दिए हैं। दो बार सांसद और दाे बार विधायक बने। मंत्री बने। अब पार्टी नई लीडरशिप तैयार कर रही है। यह टिकट उसी का नतीजा है।

Q : पूर्व विधायक संदीप यादव की नाराजगी पर क्या कहेंगे? -संदीप ने ताे खुद ललित का नाम प्रपोज किया है। वह भला ललित के नाम से कैसे नाराज हो सकते हैं।

Q : बड़े नेताओं की नाराजगी पार्टी को नुकसान तो नहीं पहुंचाएगी? -डॉ. करण सिंह और संदीप दोनों हमारे साथ रहेंगे। दोनों ही कैंपेन में साथ देंगे। देख लीजिएगा।