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Alwar में मांस-मछली की दुकानें हटाने का विरोध, दुकानदारों में आक्रोश

 
Alwar में मांस-मछली की दुकानें हटाने का विरोध, दुकानदारों में आक्रोश 

अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर किशनगढ़बास के रूंध गिदावड़ा में गोकशी सामने आने के बाद प्रशासन ने अलवर शहर में भी मांस विक्रेताओं की दुकानों पर सख्ती की है। अस्थाई दुकानों को हटा दिया। रेलवे स्टेशन के सामने मछली बेचने वालों के टीन टप्पर तोड़ दिए। वहीं अग्रसेन सर्किल के पास पुलिया के नीचे वाली नॉनवेज की दुकानों के आगे के अतिक्रमण को हटाने के सख्त आदेश दिए हैं। बिना लाईसेंस के दुकानें संचालित नहीं होने देने के निर्देश हैं। जिसके लिए एक महीने का समय दिया गया है। दुकानदारों का अचानक उनकी दुकानों को तोड़ना न्याय नहीं है, जबकि वे कई पीढ़ी से यहां दुकान संचालित करते आ रहे हैं। ऐसे में उनके परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है। यहां करीब 10 से 12 दुकानें लगती हैं। वहीं पुलिया के नीचे 6 दुकानों के आगे के अतिक्रमण को हटाने के निर्देश हैं। हनुमान चौराहे से अस्थाई मांस की दुकानों को हटा दिया गया है। इस तरह प्रशासन ने करीब 34 दुकानों को चिह्नित कर उनको नोटिस दिए थे।

पुलिया के नीचे के दुकानदार बोले- ये भेदभाव

अतिक्रमण हटाने में प्रशासन ने भेदभाव किया है। सब जगहों पर अतिक्रमण है। केवल हमारी दुकानें हटाने को कहा है। डेढ़ महीने से लाईसेंस लेने के लिए आवेदन किया हुआ है। लाईसेंस दे नहीं रहे हैं। अब बीजेपी की सरकार में कार्रवाई हो रही है। हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं। मंडी में अतिक्रमण है और बाजार में और बड़े अतिक्रमण हैं। सब जगहों पर बराबर कार्रवाई होनी चाहिए।

पुलिया के नीचे नॉनवेज की 6 दुकानें

पुलिया नीचे के दुकानदार अरसद ने कहा कि अग्रेसन सर्किल के पास बने पुलिया के नीचे 6 नॉन वेज की दुकान हैं। इन दुकानों के आगे का अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए हैं। दुकानदारों ने गुरुवार से ही अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया है। दुकानदारों का कहना है कि फूड लाईसेंस के लिए आवेदन किया हुआ है। लेकिन लाईसेंस नहीं मिले हैं। अब अचानक पुलिस प्रशासन ने तुरंत अतिक्रमण हटाने के आदेश हैं।

दादा के समय से लगी दुकान तोड़ दी

रेलवे स्टेशन के पास के दुकानदार गुरुचरण सिंह ने कहा कि उनके दादा भी यहां दुकान लगाते थे। अब वे भी अस्थाई दुकान लगाते हैं। अचानक उनकी दुकानों को तोड़ दिया गया। जबकि सालों से यह काम करते आ रहे हैं। प्रशासन ने जरा नहीं सोचा कि हम लोग कहां जाएंगे। हमारी रोजी- रोटी संकट में आ गई है। यहीं के दुकानदार संटी सिंह व हैपी सिंह ने कहा कि बहुत नाखुश हैं। दिमाग खराब हो गया है। सोच रहे हैं चलती रोजी-रोटी बंद कर दी अब कहां जाएंगे। जबकि यहां केवल मछली बिकती है। प्रशासन को जहां सख्ती करने की जरूरत है वहां करनी चाहिए। हमारे चलते काम धंधे बंद कर दिए। न हमारे को कोई ऐसी जगह दी है जहां दुकान लगा सकते हैं।