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Alwar वसंत पंचमी पर सजेंगे सरस्वती मंदिर, स्कूलों में भी मनेगी

 
Alwar वसंत पंचमी पर सजेंगे सरस्वती मंदिर, स्कूलों में भी मनेगीb
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर माघ मास शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 14 फरवरी को वसंत पंचमी के रूप में श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार इस दिन विद्या की देवी सरस्वती का प्राकटय हुआ था। इसलिए इस दिन इनकी पूजा उपासना का विशेष् महत्व माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से माता प्रसन्न होती है और शिक्षा में सफलता मिलती है।

बसंत पंचमी पर पहने जाते हैं पीले वस्त्र, बनते हैं पीले पकवान : इस दिन शहर के सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में सरस्वती माता का अभिषेक कर श्रृंगार किया जाएगा। इसके बाद विशेष् पूजन किया जाएगा। इसके साथ ही शहर के स्कूलों में भी सरस्वती माता की आराधना की जाएगी और वसंत पंचमी पर्व मनाया जाएगा। सरस्वती माता को पीले पकवानों का भोग लगाया जाता है। वसंत पंचमी पर घरों में पीले चावल बनाए जाते हैं और पीले वस्त्र पहने जाते हैं। स्कूलों में भी बच्चे पीला रूमाल लेकर जाते हैं और प्रसाद के रूप में पीली बूंदी व पीले लडडू वितरित किए जाते हैं। बंगाली समाज में वसंत पंचमी का पर्व विशेष उत्साह से मनाया जाता है। इस दिन पहली बार बच्चों को लिखना सिखाया जाता है। इस दिन सभी बंगाली मिलकर सरस्वती माता का सामूहिक पूजन करते हैं।

सात दशक पुराना है सरस्वती माता का मंदिर

अलवर शहर में कंपनी बाग के समीप सरस्वती माता का मंदिर है जो कि करीब सत्तर साल पुराना है। मंदिर में प्रतिदिन सुबह व शाम स्कूल व कॉलेज के विद्यार्थी दर्शनों के लिए आते हैं। लेकिन वसंत पंचमी पर सबसे ज्यादा भीड़ रहती है। यहां पर दूर- दूर से श्रद्धालु सरस्वती माता के दर्शनों के लिए आते हैं। सरस्वती माता के साथ ही यहां पर गणेशजी भी विराजमान है जो कि बुद्धि के देवता हैं। इसके साथ ही परिसर में अन्य देवी देवता भी विराजमान हैं।