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Alwar पनियाला-बड़ौदामेव एक्सप्रेस-वे के लिए मुआवजा वितरण में 200 करोड़ रुपये वितरित

 
Alwar पनियाला-बड़ौदामेव एक्सप्रेस-वे के लिए मुआवजा वितरण में 200 करोड़ रुपये वितरित
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे को जोड़ने के लिए पनियाला-बड़ौदामेव एक्सप्रेस-वे के लिए सैकड़ों किसानों से जमीन ली गई, लेकिन सभी किसानों को अभी मुआवजा नहीं मिल पाया। इस मुद्दे को उठाया तो अब कामों में तेजी आई है। करीब 200 करोड़ रुपए किसानों तक पहुंच गए हैं। लगभग 300 करोड़ रुपए अभी किसानों तक पहुंचने बाकी हैं। बताते हैं कि किसानों की मुआवजा की फाइलें तहसीलों से धीमी गति से आ रही हैं। हालांकि प्रशासन ने मुआवजे में देरी का कारण विधानसभा चुनाव बताया है।

एनएचएआई ने शुरू किया काम

पनियाला हाईवे का काम शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि एक साल में ये काम एनएचएआई पूरा कर देगी। उसके बाद वाहन फर्राटा भरेंगे। लोगों की राह आसान होगी। इस एक्सप्रेस वे को इंटर कॉरिडोर नाम दिया गया है। इस 86 किमी के मार्ग के बनने से हरियाणा से लेकर कई राज्यों के वाहन सीधे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे से जुड़ सकेंगे। मालूम हो कि सर्वाधिक जमीन अलवर से 177 हेक्टेयर ली गई थी। बानसूर से 126 हेक्टेयर, मुंडावर से 111 हेक्टेयर, रामगढ़ से 113 हेक्टेयर व लक्ष्मणगढ़ से करीब 20 हेक्टेयर जमीन ली गई थी। प्रशासन के एक अधिकारी का कहना है कि बचा मुआवजा भी जल्द दे दिया जाएगा। काम तेजी से चल रहा है। एडीएम प्रथम मुरारी लाल शर्मा का कहना है कि किसानों को मुआवजा तेजी से दिया जा रहा है। जल्द ही पूरा बट जाएगा।

शहर के ईटाराणा ओवरब्रिज के निकट पॉलिटेक्निक कॉलेज के सामने शनिवार देर शाम संदिग्ध परिस्थितियों में एक व्यक्ति का शव पेड़ से लटका मिला। पुलिस ने शिनाख्तगी के बाद रविवार को पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया। अरावली विहार थाना पुलिस ने बताया कि शनिवार शाम को पॉलिटेक्निक कॉलेज के सामने एक व्यक्ति का शव पेड़ पर फंदे से लटका मिला। जिसकी पहचान हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले के रामवीर उर्फ वीरसिंह (54) पुत्र रामकुंवार लम्बरदार के रूप में हुई। मृतक रामवीर अलवर कैसे पहुंचा इस बारे में परिजनों को भी कोई जानकारी नहीं है।पनियाला-बड़ौदामेव एक्सप्रेस-वे के लिए अलवर जिले में 55 गांवों की जमीन ली गई थी। इसका प्रशासन ने अवार्ड किया। ये जमीन बानसूर विधानसभा के 16 गांव, मुंडावर के 9, किशनगढ़बास के 2, अलवर के 18, रामगढ़ के 9 व लक्ष्मणगढ़ के दो गांवों की करीब 559 हेक्टेयर जमीन शामिल थी। इस जमीन के मुआवजे के लिए 468 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली थी। जून में ये रकम केंद्र सरकार से आई थी लेकिन अगस्त में जाकर बांटना शुरू किया गया। गति धीमी रही। फाइलें देरी से आईं। अब कुछ तेजी आई तो 200 करोड़ रुपए बट पाए हैं। प्रशासन का कहना है कि 1400 फाइलों का निस्तारण हो गया है। अब गिनती की ही फाइलें बची हैं। उनका निस्तारण भी जल्द होगा।