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Alwar सरिस्का में सालों बाद दिखी दुर्लभ पेंटेड सैंडग्राउज़

 
Alwar सरिस्का में सालों बाद दिखी दुर्लभ पेंटेड सैंडग्राउज़
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर  सरिस्का के चट्टानी इलाकों में बरसों बाद दुर्लभ पेंटेड सैंडग्राउस (चित्रित या भट तीतर) पक्षी नजर आया। इसके कई जोड़े देखे गए। इसका शरीर पत्थरों जैसा रंग का होता है, ऐसे में ये नजर भी नहीं आता। रविवार को सरिस्का में इस दुर्लभ पक्षी को देखकर पर्यटक भी खुश नजर आए। पेंटेड सैंडग्राउस पक्षी एक दशक पहले राजस्थान के विभिन्न अभयारण्यों के अलावा मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र में बहुतायत में था, लेकिन इसकी संख्या तेजी से घटने लगी। करीब 4 साल से ये नजर ही नहीं आया। कभी-कभार पर्यटकों को चट्टानी इलाकों में दिखा, लेकिन कुछ देर बाद ही ये गायब भी हो गया। पक्षी ऐसा नजर आता है जैसे इसके शरीर पर किसी ने पेंटिंग की हो। ये पक्षी उबड़खाबड़ कंक्रीट वाले इलाके में रहना पसंद करता है। बड़ी चट्टानों वाले इलाके में भी ये घर बना लेता है।

इस तरह बच्चों को पिलाता है पानी : उन्होंने बताया कि मादा भट तीतर 2 या 3 गुलाबी-भूरे रंग के अंडे देती है। लैंगिक विभेदन होने के कारण नर व मादा अलग-अलग रंग के होते हैं। इस पक्षी में एक विचित्र गुण होता है कि जब इनके चूजे छोटे होते हैं, तब ये उन्हें अपनी छद्मावृत पंखों के साथ चट्टानों के बीच छोड़कर पानी लेने के लिए दूर जलस्रोत तक जाते हैं। वहां ये अपने पूरे पंखों को जल में डुबोकर लाते हैं, जिससे इनके बच्चे पानी पीते हैं।

पसंदीदा खाना है दीमक

सरिस्का के गाइड रामोतार मीणा ने बताया कि जंगल में ये पक्षी बहुतायत में थे, लेकिन दिखे नहीं। अब अचानक नजर आए। पर्यटकों को ये काफी आकर्षित करते हैं। ये एक स्थलीय पक्षी है, जो व्यवहार से मोनोगमस (एक ही साथी के साथ संबंध) होते हैं और आमतौर पर जोड़े में ही दिखाई देते हैं। दीमक इसका पसंदीदा खाना है। इसका सिर व पैर छोटे व शरीर अनुपातिक रूप से मोटा होता है। पूर्णरूप से जमीन पर रहने वाले इस पक्षी का आकार 25 से 30 सेंटीमीटर व वयस्क का भार लगभग 240 ग्राम होता है।