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राजस्थान में फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने वाला यह अधिकारी जाँच के घेरे में, नौकरी खतरे में

 
राजस्थान में फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने वाला यह अधिकारी जाँच के घेरे में, नौकरी खतरे में 

अलवर न्यूज़ डेस्क, जिला परिषद के दो अफसरों ने अवकाश के दिनों का फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनवा लिया। इसका खुलासा जिला परिषद की ओर से कराई गई जांच में हुआ है। स्वास्थ्य विभाग ने खुलासा किया है कि इन दोनों अफसरों ने सर्टिफिकेट बनवाने के लिए न आवेदन किए और न मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया। अब अफसरों पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी है। इन अधिकारियों को नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है। रामगढ़ पंचायत समिति में तैनात रहे ग्राम विकास अधिकारी मनोज कुमार शर्मा को एपीओ करके जिला परिषद में वर्ष 2022 में लगाया गया था, लेकिन उन्होंने परिषद में जॉइन नहीं किया और तब से वह गायब चल रहे थे। कुछ समय पहले ये जिला परिषद पहुंचे और उन्होंने अधिकारियों को मेडिकल सर्टिफिकेट दिए। ये प्रमाण पत्र अगस्त, 2022 से लेकर सितंबर, 2023 तक के हैं। इस तरह ये 413 दिन गायब रहे।

सरकार को हुई शंका तो कराई जांच

अधिकारियों ने प्रमाण पत्रों को मंजूरी के लिए सरकार के पास भेज दिया और मनोज कुमार शर्मा की तैनाती पंचायत समिति तिजारा में कर दी गई। सरकार को इनके प्रमाण पत्र पर शंका हुई और जिला परिषद को जांच कराने के लिए कहा। परिषद ने सीएमएचओ योगेंद्र शर्मा को जांच के लिए लिखा। उन्होंने पूरी रिपोर्ट परिषद को दी है। उन्होंने बताया कि इन्होंने न आवेदन किया और न मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजगढ़ से ये प्रमाण पत्र जारी नहीं हुए।

761 दिन का मेडिकल सर्टिफिकेट जमा कराया

इसी तरह पंचायत समिति कठूमर में तैनात रहे सहायक विकास अधिकारी अमर सिंह चौधरी ने भी परिषद ने 761 दिन का मेडिकल सर्टिफिकेट जमा कराया। ये भी जांच के लिए सरकार के पास पहुंचा तो इसकी भी जांच जिला परिषद की ओर से करवाई गई, जिसमें वही खुलासे हुए। अमर सिंह ने भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजगढ़ में प्रमाण पत्र के लिए आवेदन नहीं किया था। मेडिकल बोर्ड भी नहीं बनाया गया और न इनकी कोई जांच की गई। अब दोनों अधिकारियों के खिलाफ जिला परिषद कार्रवाई की तैयारी कर रही है। मालूम हो कि अमर सिंह जयपुर मुख्यालय से अटैच चल रहे हैं।