Alwar कूड़े में फेंकी गई करोड़ों की प्लास्टिक, निगम ध्यान नहीं दे रहा
इस तरह बिगड़ती जा रही सफाई व्यवस्था : निगम की सफाई व्यवस्था वर्षों से एक ही हाथ में चली आ रही है। निगम न तो ठेकेदार बदलता है और न शहर की सफाई व्यवस्था बेहतर हो पाती है। शहर में जगह. जगह कचरे के ढेर लगे हैं। यही कारण है कि स्वच्छता रैंकिंग गिरकर 364 पर आ गई है। लगातार सफाई के हाल बिगड़ते जा रहे हैं। आगामी समय में करीब 9 हजार अंक का स्वच्छता सर्वेक्षण होगा। इन अंकों को पार करना निगम के लिए मुश्किल होगा।
इस तरह निगम बढ़ा सकता है आय : एक्सपर्ट धर्मेंद्र शर्मा कहते हैं कि निगम अलग से टेंडर करे तो आमदनी बढ़ सकती है। साथ ही कचरा निस्तारण प्लांट तक प्लास्टिक वेस्ट नहीं पहुंचेगा। इसकी छंटनी ट्रंचिंग ग्राउंड पर ही हो सकती है। वर्तमान में कूड़ा बीतने वाले तमाम महिला-पुरुष यहां दिनभर प्लास्टिक निकालने में जुटे रहते हैं। पूर्व सभापति अजय अग्रवाल का कहना है कि कचरे से प्लास्टिक वेस्ट हर दिन 4 टन तक निकल रहा है। यदि इसका टेंडर निगम करे तो आमदनी होगी। सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए भी नए कदम उठाने होंगे। पार्षद विक्रम यादव का कहना है कि इसके टेंडर का मुद्दा जल्द उठाएंगे।