Alwar अटेंडेंस मामले को लेकर जिला अस्पताल में नर्सिंगकर्मियों का विरोध-प्रदर्शन
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर जिला अस्पताल में 38 संविदा नर्सिंगकर्मियों की नौकरी खतरे में पड़ी तो सभी एकजुट हो गए। शुक्रवार सुबह जिला अस्पताल में एकत्र हुए और प्रदर्शन किया। मामला यह है कि प्लेसमेंट एजेंसी ने 62 की जगह 100 नर्सिंगकर्मियों की भर्ती कर ली थी. जबकि आदेश 62 के थे. अब जब पीएमओ ने 38 नर्सिंगकर्मियों की अटेंडेंस नहीं लेने की बात कही तो मामला बढ़ गया और लोग विरोध में उतर आए. इसके बाद मामले को शांत करने के लिए सभी को हाजिरी लगाने को कहा गया है.
रक्षक सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड प्लेसमेंट एजेंसी के प्रतिनिधि साहिल शर्मा ने बताया कि पूर्व में 100 नर्सिंगकर्मियों को संविदा पर रखा गया है. जिनकी जनाना अस्पताल, जिला अस्पताल और शिशु अस्पताल के वार्डों में ड्यूटी रहती है। यह सही है कि पहले 62 नर्सिंग स्टाफ की जगह 100 की नियुक्ति कर दी गयी है. इतना लगाने के पीछे कई अलग-अलग कारण हैं। अब जब सभी को वेतन देने का मामला आया तो पीएमओ ने 38 लोगों की हाजिरी रोकने को कहा. इसकी जानकारी होने पर सभी नर्सिंगकर्मी एक राय हो गये. हर कोई यही कह रहा है कि इसे सबसे पहले लगाने के पीछे क्या मकसद था. उसकी जांच होनी चाहिए. जो बचे हुए हैं उन्हें रखा जाना चाहिए. नर्सिंगकर्मियों के दबाव के चलते उनकी हाजिरी फिर से शुरू कर दी गई है।
कहां और कितने लगे हैं
नियमानुसार सामान्य अस्पताल में 32 और महिला अस्पताल में 30 कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि बिल सामान्य अस्पताल में 46 और महिला अस्पताल में 38 कर्मचारियों का दिया गया है और अब दोनों अस्पतालों में वर्तमान में 100 कर्मचारी कार्यरत हैं। . स्थिति यह है कि एजेंसी ने नवंबर में कार्यरत 84 कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए 8.47 लाख रुपये से अधिक का बिल थमाया है, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने 62 कर्मचारियों के लिए 2.28 लाख रुपये काटने के बाद ही भुगतान किया है। अब अनुबंध शर्तों के उल्लंघन पर प्लेसमेंट एजेंसी को भी नोटिस जारी किया गया है. लगातार तीन महीने तक निर्धारित संख्या से अधिक नर्सिंग कर्मियों को नौकरी पर रखने पर पीएमओ ने प्लेसमेंट एजेंसी रक्षक सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी किया है। लिमिटेड को नोटिस जारी किया गया है। स्पष्ट किया गया है कि 62 नर्सिंग स्टाफ नियोजित करने के आदेश दिये गये थे, लेकिन लगातार 3 माह से स्वीकृत संख्या से अधिक स्टाफ नियोजित किया गया है तथा अधिक उपस्थिति के बिल भुगतान हेतु प्रस्तुत किये जा रहे हैं। इस पर अधिक उपस्थिति का भुगतान काटने तथा 2 माह के भीतर मौखिक रूप से स्वीकृत पदों के अनुसार बिल प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये। इसके बावजूद नवंबर में भी स्वीकृत संख्या से ज्यादा बिल पेश किये गये.