Alwar जिले में बनेगा एनसीआर का सबसे बड़ा चिड़ियाघर
अलवर चिड़ियाघर में होंगी ये प्रजातियां
अलवर के इस चिड़ियाघर में 150 से ज्यादा जानवरों की प्रजातियां लाने की तैयारी है। इसमें शेर, चीता, टाइगर, गोरिल्ला, भालू, बन्दर, खरगोश, लंगूर, जिराफ आदि शामिल हैं। मगरमच्छ, हिप्पो, कछुआ आदि जलीय जीव भी होंगे। वन विभाग ही इसका संचालन करेगा।चेन्नई का अरिग्नार अन्ना प्राणी उद्यान दक्षिण पूर्व एशिया के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक है, जो 1490 एकड़ में बना हुआ है। इसमें 172 प्रजातियों के 2300 से अधिक जंगली जानवर हैं। यहां प्रतिवर्ष 2 मिलियन पर्यटक आते हैं।
राष्ट्रीय जन्तु विज्ञानिक पार्क दिल्ली 71 हेक्टेयर में बना हुआ है। यहां 90 से ज्यादा जानवरों की प्रजातियां हैं। प्रतिवर्ष 20 लाख से ज्यादा लोग घूमने जाते हैं।
नाहरगढ़ वन सेंचुरी जयपुर में बने जू का आकार करीब 40 हेक्टेयर है। यहां जानवरों की 60 से ज्यादा प्रजातियां हैं।
कटीघाटी के इस एरिया में बनेगा चिड़ियाघर।
करीब 100 हेक्टेयर में चिड़ियाघर बनाने की योजना है। इसके लिए 35 हेक्टेयर जमीन की और आवश्यकता है, जो देखी जा रही है। जल्द ही जमीन मिलने की उमीद है। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। - राजेंद्र हुड्डा, डीएफओ अलवर
सरिस्का के बाद चिड़ियाघर के जरिए मजबूत होगी अर्थव्यवस्था
सरिस्का एनसीआर में पर्यटकों के घूमनेे के लिए बड़ा केंद्र है। इसके जरिए सरकार हर साल करीब 550 करोड़ रुपए कमाती है। अब चिड़ियाघर बनेगा तो आय और बढ़ेगी। अलवर में भी पूंजी आएगी, जिससे अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी। रोजगार के रास्ते खुलेंगे। एक ही रास्ते पर तीन पर्यटन केंद्र हो जाएंगे। पहले सरिस्का, फिर चिड़ियाघर और उसके बाद भानगढ़ का किला। एक साथ पर्यटक तीनों जगहों का भ्रमण कर सकेंगे।
