Alwar अमित मिश्रा ने कहा- संगीत आप नहीं चुनते, संगीत आपको चुनता है
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर मत्स्य उत्सव के दौरान म्यूजिकल नाइट में प्रस्तुति देने आए गायक अमित मिश्रा ने अपनी आवाज का जादू बिखेरा। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए मिश्रा को कड़ी मेहनत करनी पड़ी है। उन्होंने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली। इसके बाद शुरुआती गाने हिट नहीं रहे, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आज इस मुकाम पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि जब से मत्स्य उत्सव के लिए निमंत्रण मिला तभी से अलवर आने को उत्सुक था। यहां की ऑडियंस बहुत ही अच्छी लगी।
Q संगीत की शुरुआत कैसे हुई?A मुझे बचपन से ही गाने का शौक था। स्कूल में संगीत वैकल्पिक विषय था, शास्त्रीय संगीत की शिक्षा विधिवत ली है। मुंबई में गायन तकनीक, आवाज प्रक्षेपण, डिजायन और सांस लेने की तकनीक आदि का विशेष प्रशिक्षण लिया। पहला प्लेबैक मौका विक्रम भट़्ट निर्देशित फिल्म 1920 एविल रिटर्न्स से मिला। मेरा मानना है कि म्यूजिक को आप नहीं चुनते, वह आपको चुनता है।
Q आपको शुरुआत में सफलता नहीं मिली, आप नर्वस भी हो गए थे?A शुरुआत में गाने मिल रहे थे, लेकिन कोई हिट नहीं हुआ तो मैं नर्वस होने लगा। तब मेरे पिता ने कहा कि पांच साल तुम संगीत को दे चुके हो। अब मैं तुम्हें पांच साल और देता हूं। इसके बाद मेरे पिता हर कदम पर मेरे साथ रहे, उनके सपोर्ट से ही मैँ आगे बढ़ पाया।
Q म्यूजिक में किस तरह से नए प्रयोग करते हैं ?A जिस तरह से चिकित्सा, वकील एक पेशा है, उसी तरह से संगीत भी एक पेशा है, एक पढ़ाई है। इसके लिए भी बहुत तैयारी करनी होती है। हर पेशे की तरह संगीत में अनिश्चितताएं होती है। संगीत की यात्रा में अनेक उतार चढ़ाव आते हैं। नेगेटिव चीजों को छोडकर पॉजिटिव पर ध्यान दें।
Q संगीत के क्षेत्र में आने वाले युवाओं को क्या संदेश है ?A संगीत चाहे किसी भी भाषा में हो वह संगीत होता है। इसलिए मैं पंजाबी, राजस्थानी, फिल्मी, धार्मिक सभी तरह के गाने आता हूं। संगीत ऐसा हो जो जनता के दिल में बस जाए तभी वह आगे तक चल पाता है। संगीता का स्तर अच्छा हो, लेवल अच्छा हो तो लोग सुनने को मजबूर हो जाते हैं। मैं बहुत सालों से सीख रहा हूं, कोई कमी होती है तो उसे दूर भी करता हूं। अब संगीत में बहुत से प्लेटफार्म आ गए हैं, अच्छा गुरु मिल जाए तो कॅरियर बन जाता है।