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अवैध खनन को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का सरकार पर बड़ा हमला, बोले '‘अवैध खनन में मस्त हैं BJP नेता'

 
अवैध खनन को लेकर नेता प्रतिपक्ष टिकाराम जूली का सरकार पर बड़ा हमला, बोले '‘अवैध खनन में मस्त हैं BJP नेता'

राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा- भाजपा नेता पैसा कमाने में व्यस्त हैं। मंदिरों की बात करते हैं और मंदिरों की जमीन हड़पने में लगे हैं। कोई अवैध खनन में लिप्त है। कोई अवैध प्लाटिंग कर रहा है। सरकार को कोई परवाह नहीं है। कभी सीएम, कभी डिप्टी सीएम तो कभी पूर्व विधायकों को जान से मारने की धमकी दी जाती है। सरकार की बुद्धि कहां चली गई है? ऐसा लगता है, सरकार नहीं बल्कि सर्कस चल रहा है। जूली शुक्रवार को अलवर में अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा- बिजली विभाग पंचायतों के कनेक्शन काटने में व्यस्त है, जिससे लोग परेशान हैं। सरकार की व्यवस्था ठीक नहीं है। पेयजल समस्या पर उन्होंने कहा- हमने ईआरसीपी का काम शुरू किया था। उसी आधार पर पानी मिलना है। सरकार तेजी से काम करे तो पानी आ सकता है, लेकिन जिस गति से सरकार काम कर रही है, उससे एक बूंद भी नहीं मिलेगी। जूली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई सवालों के जवाब दिए।

सवाल- क्या बड़े नेताओं को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं? मंदिरों की जमीनों पर अतिक्रमण हो रहा है।
जवाब- भाजपा के नेता मंदिरों की बात करते हैं और मंदिर की जमीन पर कब्जा करते हैं। हमारे पास एक भी ऐसा नेता नहीं है जो मंदिर की जमीन पर कब्जा करने में संलिप्त हो। सरकार खुद को संभाल नहीं पा रही है। कभी सीएम तो कभी डिप्टी सीएम को धमकियां मिलती हैं। सरकार के लिए इंटेलिजेंस क्या कर रही है?

सवाल- डॉ. किरोड़ी जनता के मुद्दे उठाते हैं। क्या वह सही हैं?
जवाब- डॉ. किरोड़ी सीएम पर आरोप लगा रहे हैं। वह अवैध खनन की शिकायत कर चुके हैं। सरकार को डॉ. किरोड़ी की बात सुननी चाहिए।

सवाल- सीएम कहते हैं कि बजट बहुत है और पंचायतों को बजट नहीं मिल रहा है?
जवाब- हाथी के दांत खाने के अलग और दिखाने के अलग होते हैं। यह बात हमारे सीएम पर लागू होती है। एक तरफ वह कहते हैं कि पैसा उड़ रहा है। इसे लेने वाला कोई होना चाहिए और सरपंचों को बजट नहीं मिल रहा है। यहां तक ​​कि उनके चुनाव भी नहीं हो रहे हैं।

सवाल- क्या विधानसभा सत्र में बहुत समय बर्बाद हुआ?
जवाब- विधानसभा में अध्यक्ष की जिम्मेदारी होती है कि वह दोनों पक्षों के साथ समान व्यवहार करे। दिल्ली में संसद में राहुल गांधी को बोलने से रोका जाता है। यहां विधानसभा में मुझे बोलने से रोका जाता है। जो गलत है।