नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मनरेगा बदलाव पर केंद्र सरकार पर साधा निशाना
राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि मनरेगा योजना में बदलाव और नाम बदलकर इसे ‘जी राम जी’ करने का कदम योजना को खत्म करने की साजिश का हिस्सा है।
टीकाराम जूली ने कहा कि मनरेगा योजना ग्रामीण भारत के लिए जीवन रेखा की तरह काम करती रही है। यह योजना ग्रामीण गरीबों को रोजगार प्रदान करने के साथ ही उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार का यह कदम योजना की मूल भावना और गरीबों के हित को कमजोर करने वाला है।
उन्होंने कहा, “भाजपा ने मनरेगा का नाम बदलकर ‘जी राम जी’ रख दिया है, लेकिन यह सिर्फ नाम बदलना है; इसके पीछे योजना के स्वरूप और कार्यान्वयन में बदलाव करके ग्रामीण गरीबों को मिलने वाले लाभ को कम करने का प्रयास है। यह सीधे तौर पर आम जनता के अधिकारों के खिलाफ है।”
टीकाराम जूली ने राज्य और केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वे इस योजना में बदलाव करने से पहले ग्रामीण जनता और हितधारकों की राय लें। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि योजना के नाम और स्वरूप में ऐसे बदलाव किए गए जो ग्रामीणों के हित के खिलाफ हैं, तो विपक्ष सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा।
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि मनरेगा जैसी योजनाओं को भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी बनाना प्राथमिकता होनी चाहिए, न कि इसे नाम बदलकर कमजोर किया जाए। उनका कहना है कि ग्रामीण रोजगार, सुरक्षा और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है, और इस दिशा में किसी तरह का समझौता स्वीकार्य नहीं है।
