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Alwar दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे बनने से लेकर अब तक सैकड़ों लोग गंवा चुके जान

 
Alwar दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे बनने से लेकर अब तक सैकड़ों लोग गंवा चुके जान
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर  सुविधा का लाभ लेने या उपभोग करने के लिए सतर्कता जरूरी है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि सावधानी हटी और दुर्घटना घटी....। एनसीआर में शामिल अलवर जिला क्षेत्र से गुजर रहे दिल्ली-मुंबई सुपर एक्सप्रेस वे पर आए दिन ऐसे हादसे हो रहे हैं। इसके बनने से लेकर अब तक सैकड़ों लोग जान गंवा चुके। दिल दहला देने वाले हादसों के बाद भी चालक चमचमाते इस हाइवे पर हवा की गति से दौड़ते अपने वाहनों पर ब्रेक नहीं लगा पाते और जिंदगी की डोर टूट रही है।  घर से हंसी-खुशी के साथ अपने चमचमाते वाहन पर लोग गंतव्य को निकल कर सुपर एक्सप्रेस वे पर पहुंचते हैं और अनियंतित्रत गति से वाहन चलाकर या नींद की झपकी में अपनी जान गंवा कर पूरे परिवार को गम में डाल देते हैं। दो दिन में ही पांच लोग अपने परिवारों व बच्चों से अलविदा हो गए। गुरुवार को जहां अल सुबह नौगांवा थाना क्षेत्र के गांव मुनपुर करमला के पास भैंसों से भरी पिकअप ने सड़क किनारे खड़े ट्रेलर को पीछे से टक्कर मार देने से तीन जनों की मौत हो गई्, वहीं मंगलवार रात लक्ष्मणगढ़ पुलिस थाना क्षेत्र के मौजपुर व खोहरा मलावली के बीच रात करीब 11 बजे आगे चल रहे ट्रोले में पीछे से आया दूसरा ट्रोला टकरा गया था। उस हादसे में चालक व परिचालक की मौत हो गई थी।

कतराने लगे सफर से : दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर आए दिन हो रहे हादसों से अब कई वाहन चालक तो इस पर सफर करने से भी कतराने लगे हैं। वे समय भले ही अधिक लग जाएं, लेकिन पुराने रास्तों से ही गुजरना मुनासिब समझ अपने सफर को सुरक्षित कर रहे हैं।  मौजपुर, रोनपुर, नसवारी, मालपुर, पिनान दुर्घटना के प्वाइंट स्थल है। अधिकतर दुघर्टना उन स्थानों पर होती है, जिधर नीचे से सड़क है और हाइवे से उतरने के लिए रास्ता होता है। उसके किनारे पर चालक बिरयानी खाने के लिए ट्रकों को खड़े कर चले जाते हैं।

12 हजार करोड़ का एक्सप्रेस-वे, सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं

केन्द्र सरकार की ओर से 12 हजार 173 करोड़ रुपए की लागत से दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य एनएचएआई (नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया) की ओर से कराया जा रहा है। 8 लेन के दिल्ली-मुम्बई एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे दिल्ली-अलवर-दौसा-लालसोट खंड का 12 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उद्घाटन कर चुके हैं। एक्सप्रेस-वे पर वाहनों के लिए 120 किमी प्रति घंटा गति सीमा निर्धारित है, लेकिन एनएचएआई की ओर से यहां वाहनों की गति सीमा पर कोई कंट्रोल नहीं है। एक्सप्रेस-वे पर अधिकांश सीसीटीवी कैमरे बंद पड़े हैं तथा वाहनों की स्पीड पर निगरानी रखने के लिए सर्विलांस सिस्टम भी अभी चालू नहीं हो सका है। जिसके कारण वाहन ओवर स्पीड में दौड़ रहे हैं और लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं। पिछले एक साल में एक्सप्रेस-वे पर अलवर सीमा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है तथा सैकड़ों लोग घायल हो चुके हैं। अलवर सीमा के बाहर भी एक्सप्रेस-वे पर कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं है। एनएचएआई की लापरवाही के कारण वहां भी हादसे हो रहे हैं।