Alwar कैसे होगा टीबी का खात्मा, जिले में 12 हजार से ज्यादा मरीज

रजिस्ट्रेशन किया जरूरी तो मरीजों की संख्या बढ़ी : भारत सरकार ने वर्ष 2016 में टीबी मरीजों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया था। निजी अस्पतालों को भी इस दायरे में लाया गया था। इसके बाद बड़ी संख्या में टीबी रोगियों की पहचान हुई है। वहीं, अलवर की बात की जाए तो पहले यहां टीबी की जांच करने वाली सीबी नॉट मशीन एक ही थी, लेकिन अब इनकी संख्या पांच हो गई है। अलवर, बहरोड़, राजगढ़, खेडली, लक्ष्मणगढ़ पर सीबी नॉट मशीन उपलब्ध है। इससे रोगी के बलगम की जांच कर टीबी की पहचान की जाती है।
जिले की तीन ग्राम पंचायत हुई टीबी मुक्त : जिले की ट्रीटमेंट सक्सेस रेट पिछले तीन सालों में 85 प्रतिशत से ज्यादा है। भारत सरकार की ओर से चलाए जा रहे टीबी मुक्त ग्राम पंचायत में पहले चरण में जिले की तीन ग्राम पंचायत दूब्बी, कूंडला, पेहल का चयन किया गया। ये ग्राम पंचायत टीबी मुक्त हो गई है। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से पुरस्कृत भी किया गया। अभियान के दूसरे चरण में अलवर जिले की 32 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। जिनके वेरीफीकेशन का काम ब्लॉक सीएचएचओ के स्तर पर हो रहा है।
स्थान मरीजों की संख्या
अलवर शहर 7977
बानसूर 128
बहरोड़ 462
गोविंदगढ़ 167
खेड़ली 167
किशनगढ़ 239
कोटकासिम 92
मालाखेड़ा 42
मुंडावर 80
राजगढ़ 520
रामगढ़ 251
रैणी 40
शाहजहांपुर 38
थानागाजी 219
तिजारा 858