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कर्नाटक से अलवर कैसे पहुंचा नाबालिग? यूट्यूबर से मिलने निकला 15 वर्षीय बालक लावारिस हालत में बरामद

 
यूट्यूबर से मिलने अलवर पहुंचा 15 साल का बालक

अलवर में मंगलवार को एक 15 वर्षीय बालक की लावारिस हालत में बरामदगी ने सबको हैरत में डाल दिया। जानकारी के अनुसार, यह बालक कर्नाटक का रहने वाला है और यूट्यूबर से मिलने की चाह में घर से निकलकर अलवर पहुंच गया। अलवर सदर थाना पुलिस ने अलवर बस स्टैंड से बालक को सुरक्षित बरामद किया।

कर्नाटक पुलिस की सूचना पर सदर थाना पुलिस ने बालक की पहचान की और उसे लावारिस हालत में सुरक्षित थाने लाया। बालक की उम्र केवल 15 साल है और वह अकेले ही हजारों किलोमीटर की यात्रा करके अलवर तक पहुंच गया था। प्रारंभिक पूछताछ में बालक ने पुलिस को बताया कि वह अपने पसंदीदा यूट्यूबर से व्यक्तिगत रूप से मिलने की इच्छा लेकर घर से निकला था।

बालक की जानकारी मिलते ही मंगलवार को उसके परिजन और कर्नाटक पुलिस के अधिकारी अलवर सदर थाने पहुंचे। उन्होंने बालक की सुरक्षा और उसके स्वास्थ्य की जानकारी ली। पुलिस ने बालक के परिजनों से संपर्क कर उसके सुरक्षित घर लौटने की प्रक्रिया शुरू की।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, बालक की सुरक्षा को देखते हुए उसे तुरंत आराम और भोजन उपलब्ध कराया गया। साथ ही उसे मानसिक रूप से संभालने के लिए पुलिस ने प्राथमिक सहायता भी दी। बालक की कहानी इस बात का उदाहरण है कि कैसे सोशल मीडिया और यूट्यूब जैसी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स युवा पीढ़ी पर गहरा प्रभाव डाल रही हैं।

इस मामले ने अलवर पुलिस और कर्नाटक पुलिस के बीच भी समन्वय का नया उदाहरण पेश किया। कर्नाटक पुलिस ने अलवर पुलिस को बालक की जानकारी दी थी और अलवर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे सुरक्षित थाने पहुंचाया। बालक के परिजनों ने पुलिस की तत्परता की सराहना की और बताया कि उन्होंने कई जगह बालक को खोजने की कोशिश की थी।

यह घटना माता-पिता और अभिभावकों के लिए चेतावनी है कि बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों और उनकी सोशल मीडिया की पसंद पर नजर रखना जरूरी है। किशोरों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स आकर्षक हो सकते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए निगरानी अनिवार्य है।

सदर थाना पुलिस ने कहा कि बालक के मामले में कोई आपराधिक मामला नहीं है, लेकिन इसे गंभीरता से लिया गया क्योंकि यह बालक की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला था। बालक को सुरक्षित उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया और उसकी वापसी के बाद मामले को बंद कर दिया गया।