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Alwar अंतरजातीय विवाह योजना के तहत आधे आवेदकों के खाते में एक भी पैसा नहीं

 
Alwar अंतरजातीय विवाह योजना के तहत आधे आवेदकों के खाते में एक भी पैसा नहीं

अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर राज्य में छूआछूत को कम करने और अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने की पहल सिर्फ कागजी साबित हो रही है। हकीकत यह है कि पिछले एक साल से इस योजना के लिए बजट ही जारी नहीं किया गया है। जिससे आधे आवेदकों के खातों में एक ’पाई’ भी नहीं आई है। सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग की ओर से चलाई जा रही डॉ. सविताबेन अंबेडकर अंतरजातीय विवाह योजना में विभाग के पास 243 आवेदन आए, लेकिन इसमें से 136 को ही भुगतान किया गया। 33 आवेदन आक्षेप पूर्ति के लिए रोके गए हैं। वहीं, 73 आवेदन विभिन्न कारणों से अस्वीकृत कर दिए गए हैं। इतना ही नहीं जिन आवेदनों को स्वीकृति मिली हैं उसमें भी आधे से ज्यादा को पैसे का भुगतान नहीं हुआ है।

केस-1

उमरैण क्षेत्र की युवती ने बताया कि मैं एससी समुदाय से हूं। मेरी शादी सामान्य वर्ग के युवक से हुई है। शादी को दो साल हो चुके हैं। मेरे एक बच्चा भी है। योजना में आवेदन किए हुए दो साल हो गए, लेकिन आज तक पैसा नहीं मिला।

मिलने थे 10 लाख, नहीं मिला एक पैसा

खास बात यह है कि पिछले ही साल सरकार ने इस योजना में भुगतान की राशि को बढ़ाकर दोगुना कर दिया था, लेकिन इसके बाद से आज तक एक भी आवेदन स्वीकृत नहीं हुआ है। इस योजना के तहत पहले 5 लाख रुपए दिए जाते थे। पिछले साल सरकार ने इस योजना की राशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दी थी। इसमें से 5 लाख रुपए की राशि 8 साल के लिए फिक्स्ड डिपोजिट कराई जाएगी। 5 लाख रुपए विवाह करने वाले दंपती के खाते में जमा कराए जाएंगे।

योजना की पात्रता

इस योजना में लाभ लेने के लिए विवाह करने वाले युवक या युवती में से एक एससी और दूसरा ओबीसी या सामान्य वर्ग का होना जरूरी है। ये राजस्थान के निवासी हो। विवाह करने वाले हिंदू हो, मुस्लिम या पारसी के लिए यह योजना लागू नहीं होती है।

इस योजना में दस लाख रुपए दिए जाते हैं। जो आवेदन आए थे उनमें सही आवेदनों की जांच कर उनको स्वीकृत किया है। बजट आते ही खाते में पैसा डाल दिया जाएगा। 

रामगढ़ निवासी युवती ने बताया कि मैंने प्रेम विवाह किया है। हम दोनों के परिजन तैयार नहीं थे। सोचा था पैसा मिलेगा तो कुछ मदद मिलेगी, लेकिन शादी के एक साल बाद भी खाते में पैसा नहीं आया है।