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Alwar सरसों की सरकारी खरीद शुरू नहीं, किसानों लाखों का नुकसान

 
Alwar सरसों की सरकारी खरीद शुरू नहीं, किसानों लाखों का नुकसान

अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर लोकसभा चुनावों के बीच में किसानों को रोजाना अकेले अलवर जिले में लाखों रुपए का घाटा है। प्रदेश की बात करें तो करोड़ों की चपत रोज किसान को लगती है। वजह यह है कि 1 अप्रैल से किसानों की सरसों, चना व गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होनी थी। रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो गए। लेकिन राजफैड से आवंटन के बाद खरीद अटकी हुई है। जिसके कारण मजबूरी में किसानों को 5650 रुपए प्रति क्विंटल भाव की सरसों को 5000 रुपए प्रति क्विंटवल बेचनी पड़ रही है। रोजाना अलवर मंडी में करीब 22 हजार से 25 हजार सरसों की बोरी पहुंचती हैं। जिसकी तुलना लगाए तो हर दिन कई लाख रुपए का घाटा है। ​​

किसान मजबूरी में बेच रहे

अलवर के किसान रामवतार ने बताया कि मजबूरी में मंडी में व्यापारी को सरसों बेचते हैं। सरकार के अनुसार 1 अप्रैल से खरीद शुरू होनी थी। लेकिन सरकारी खरीद शुरू नहीं हो सकी। सरकारी रेट 5650 रुपए प्रति क्विंटल है। जबकि बाजार में 5 हजार रुपए प्रति क्विंटल बेचनी पड़ रही है। हर एक बोरी में 500 से 600 रुपए का नुकसान है। सरकार देरी कर व्यापारियों को फायदा पहुंचाने मे ंलगी है। यही हाल चने व गेहूं का है। अब गेहूं व चने के रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके हैं। सरसों के रजिस्ट्रेशन से करीब 1 हजार से अधिक किसानों ने करा लिए। लेकिन खरीद नहीं होने से बेच नहीं पा रहे। उधर पैसे की जरूरत के कारण किसान को सस्ते दामों में व्यापारियों को बेचनी पड़ रही है।

2 से 3 दिन और लगेंगे खरीद में

क्रय विक्रय सहकारी समिति अलवर के सहायक रजिस्ट्रार जगदीश प्रसाद ने बताया कि अनाज की सरकारी खरीद के लिए प्याज मंडी में जगह तय की है। एक अप्रैल से सरकारी खरीद होनी थी। लेकिन राजफैड ने आवंटन नहीं किए हैं। वैसे सरसों के लिए करीब 1 हजार से अधिक किसानों ने रजिस्टे​​​​​्रेशन करा लिया है। लेकिन आवंटन नहीं होने से सरकारी खरीद नहीं हो सकी है। आगामी दो दिन में सरकारी खरीद शुरू हो जाएगी। किसानों को जल्दी है। यह बात सही है। लेकिन यहां अभी रजिस्ट्रेशन कराने के बाद खरीद होगी। वैसे रजिस्ट्रेशन 22 मार्च से शुरू हो गया था। जो 25 जून तक चलेगा। इसलिए किसान को थोड़ा रुकना चाहिए। यहां किसान का अनाज बिकने के बाद पैसा बैंक खाते में पैसा आ जाएगा।