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Alwar शहर में खाली है अरबों की सरकारी जमीन, बड़े प्रोजेक्ट के लिए जगह नहीं

 
Alwar शहर में खाली है अरबों की सरकारी जमीन, बड़े प्रोजेक्ट के लिए जगह नहीं 
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर शहर में सरकारी विभागों के पास अरबों की जमीनें खाली पड़ी हैं लेकिन सरकारी प्रोजेक्ट आदि के लिए जमीनें विकास विभाग खुद ढूंढते हैं। यूआईटी व नगर निगम चाहें तो इन जमीनों पर बड़े प्रोजेक्ट लॉंच करके शहर को सौगात दे सकते हैं। जिला परिषद के पास मुद्रणालय का कार्यालय काफी समय पहले बंद हो गया। ये कीमती जमीन है, जो अभी खाली पड़ी है। इसके अंदर एक मंदिर बनाया गया था। वहां तक लोग पूजा करने के लिए भी नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसी तरह भवानी तोप पर पशुपालन विभाग कार्यालय चल रहा है। इसके परिसर में काफी हेक्टेयर एरिया खाली पड़ा है। एसएमडी पर समग्र शिक्षा विभाग का कार्यालय चंद कमरों में चल रहा है। बाकी दो हेक्टेयर से ज्यादा एरिया खाली पड़ा है। मिनी सचिवालय के सामने भी यूआईटी की जमीन खाली है। मोती डूंगरी के अलावा स्टेडियम के पीछे भी जमीन सरकारी है, जो खाली पड़ी है।

शहर में ही बन सकता है कन्वेंशन सेंटर: कन्वेंशन सेंटर भी शहर में बन सकता है, जिसके लिए यूआईटी ने बहरोड़ मार्ग पर जमीन देखी थी। इसके अलावा विज्ञान पार्क, टेक्नोलॉजी पार्क के लिए भी जगह नहीं मिल पा रही है। इन प्रोजेक्ट को भी इन खाली जमीन पर उतारा जा सकता है। नगर निगम व यूआईटी को खुद अपना कार्यालय नया बनाना है। इसके लिए भी जमीन आदि नहीं मिल पाई है। जमीनें देखी जरूर गई हैं। नगर निगम आयुक्त मनीष कुमार कहते हैं कि नए कार्यालय के लिए दो-तीन जगह हमारे पास हैं। उस पर मंथन चल रहा है। अन्य प्रोजेक्ट पर भी विचार किया जाएगा।

तकनीकी एक्सपर्ट धर्मेंद्र शर्मा कहते हैं कि यूआईटी व नगर निगम को शहर की यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए पार्किंग के लिए जगह चाहिए लेकिन ये नहीं मिल रही। हालांकि दोनों ही विभागों ने इच्छाशक्ति के साथ पार्किंग का प्रोजेक्ट भी लॉंच नहीं किया। कंपनी बाग में पार्किंग के लिए जगह देखी गई लेकिन इस पर आपत्ति आ गई। यूआईटी चाहे तो पुराने तहसील की जमीन पर पार्किंग बना सकती है। बाजार जाने वाले वाहन यहीं पर रुक सकते हैं। इसी तरह पशुपालन विभाग परिसर में अन्य गतिविधियों का संचालन दोनों विभाग कर सकते हैं। इसमें विभागों की आपसी सहमति जरूरी है।