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Alwar अवैध खनन पर कार्रवाई करने वाली टीम में शामिल वन विभाग, FIR दर्ज

 
Alwar अवैध खनन पर कार्रवाई करने वाली टीम में शामिल वन विभाग,  FIR दर्ज 
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर बिल्ली को दूध की रखवाली। ये कहावत आज वन विभाग पर फिट बैठी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अवैध खनन पर एक्शन करने वाली टीम में वन विभाग को भी शामिल किया है, लेकिन गुरुवार को वन विभाग में अवैध खनन के पत्थर जाते पकड़े गए। यह कार्रवाई खुद विभाग के ही मंत्री संजय शर्मा ने की। उन्होंने तीन लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई है। मंत्री की इस कार्रवाई से साफ हो गया है कि पूरे जिले में अवैध खनन का खेल बदस्तूर है, लेकिन कार्रवाई करने वाली टीमों के लोग खुद ही इसमें मिले हुए हैं। जिला प्रशासनइस कार्य की मॉनिटरिंग कर रहा है लेकिन उस पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

क्यों नहीं कर रही टीम कार्रवाई... तमाम सवाल खड़े हुए : पूरे प्रदेश में अवैध खनन पर तेजी से कार्रवाई हो रही है लेकिन यहां खान विभाग, वन, पुलिस, परिवहन विभाग कुछ नहीं कर पा रहे। छोटे खनन माफिया तक ही कुछ कार्रवाई की हैं। बड़ी मछलियों तक हाथ किसी के नहीं पहुंच रहे। सूत्र कहते हैं कि खान विभाग चाहे तो सबसे अधिक कार्रवाई करके रेकॉर्ड बना सकता है लेकिन वह माफियाओं को कहीं न कहीं बचा रहा है। जिला प्रशासन भी सख्ती नहीं कर रहा है जबकि 12 टीमें जिलेभर में काम कर रही हैं। वन मंत्री का कहना है कि इस मामले में अफसरों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वह कार्रवाई करें अन्यथा उन पर कार्रवाई होगी।

वन मंत्री संजय शर्मा गुरुवार की सुबह कहीं दूसरे स्थान से अलवर शहर में प्रवेश कर रहे थे। दोपहर करीब 12 बजे वह रूपबास स्थित जगन्नाथ मंदिर के समीप से निकल रहे थे। उसी दौरान पत्थर से भरे तीन ट्रैक्टर-ट्रॉली तेजी गति से जा रहे थे। इस पर मंत्री को शक हुआ तो उन्होंने ट्रैक्टरों रुकवाया। चालक से पूछा, पत्थर कहां ले जा रहे हैं? इस पर चालक सही जवाब नहीं दे पाए। यही बोल पाए कि चौकी से ये सामग्री ला रहे हैं और वन विभाग ले जा रहे हैं। इस पर मंत्री ने चालक से पूछा कि इस सामग्री का कोई रवन्ना है या नहीं, इस पर ट्रैक्टर चालक कुछ नहीं बोल पाए। मंत्री ने अंदाजा लगा लिया कि सब ऐसे ही चल रहा है। उन्होंने अरावली विहार थाना प्रभारी को बुलाया और ट्रैक्टर जब्त करवाए। संबंधित चालक व वन विभाग के संबंधित कार्मिक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए। डीएफओ से कहा कि इस मामले में लिप्त अफसरों व कार्मिकों पर कार्रवाई करें। इससे वन विभाग के