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Alwar मस्जिदों में एतकाफ शुरू, चांद दिखने पर खत्म होगा

 
Alwar मस्जिदों में एतकाफ शुरू, चांद दिखने पर खत्म होगा

अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर  इस्लाम में रमजान का महीना सबसे पवित्र माना गया है। मुस्लिम समाज के लोग रमजान में रोजे रख रहे हैं और नमाज कर खुदा की इबादत कर रहे हैं। रमजान में शबे कद्र की पांच रातों का महत्व सबसे ज्यादा होता है। 31 मार्च से शबे कद्र की रात प्रारंभ हो चुकी है। रोड नंबर दो जामा मस्जिद के मौलाना मौहम्मद अनस ने बताया कि शबे कद्र की दूसरी रात 2 अप्रेल को, 4 अप्रेल को तीसरी, 6 अप्रेल को चौथी और 8 अप्रेल को पांचवी और अंतिम रात रहेगी। कुरान में बताया गया है कि शबे कद्र की रात में जागने का सबाब एक हजार महीनोें की इबादत के बराबर मिलता है। शबे कद्र मेें जागने वाला व्यक्ति खुदा के करीब होता है।

रमजान के महीने की अंतिम दस रात विशेष् मानी जाती है। इसमें एक व्यक्ति मस्जिद के कोने में बैठकर दस दिन तक दिन रात खुदा की इबादत करता है। वह मस्जिद से बाहर नहीं आता है। ईद का चांद दिखने के बाद ही एतकाफ खत्म होता है। एतकाफ करने वाले को दो हज व दो उमरे का सबाब मिलता है।