राजस्थान के इस जिले में कुत्तों का कहर लेकिन फिर भी नहीं टूट रही नगर निगम की नींद, काटने के मामलों में लगातार वृद्धि

अलवर न्यूज़ डेस्क - अलवर में आवारा कुत्तों की समस्या गंभीर होती जा रही है। पिछले पांच माह में 4907 लोगों को कुत्तों ने काटा है। हालात इतने खराब हो गए कि खुद केंद्रीय मंत्री को नगर निगम को नसबंदी और टीकाकरण अभियान शुरू करने के निर्देश देने पड़े।
नगर निगम की लापरवाही
पशुपालन विभाग ने नगर निगम को तीन बार पत्र लिखकर नसबंदी कार्यक्रम शुरू करने की मांग की, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। बजट के अभाव में अभियान बंद हो गया। हाल ही में केंद्रीय मंत्री की सख्ती के बाद बजट जारी हुआ, जिससे नसबंदी और टीकाकरण अभियान शुरू होने की संभावना है।
आवारा कुत्तों के हमले बढ़े
अलवर: कुछ दिन पहले आठ से दस कुत्तों ने एक छात्रा पर हमला कर उसे कई जगह काट लिया।
खेरथल: पिछले डेढ़ माह में नौ से दस बच्चों को कुत्तों ने काटा, जिसमें एक बच्ची की मौत हो गई।बता दें कि औसतन हर दिन 32 लोगों को कुत्ते काट रहे हैं। अस्पतालों में एंटी रेबीज वैक्सीन की मांग बढ़ रही है, लेकिन समस्या का स्थायी समाधान नसबंदी और टीकाकरण से ही संभव है।
पशु प्रेमियों का विरोध
कुछ पशु प्रेमी नसबंदी अभियान का विरोध कर रहे हैं। वे कुत्तों को मासूम बताकर नगर निगम के प्रयासों में बाधा डाल रहे हैं। पिछले दिनों जब नगर निगम की टीम कुत्तों को पकड़ने के लिए स्कीम नंबर-2 पहुंची तो कुछ पशु प्रेमियों ने हंगामा कर दिया और टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा।
सड़क के कुत्तों को लेकर विवाद
अलवर के शालीमार इलाके में सड़क के कुत्तों को खाना खिलाने को लेकर विवाद बढ़ गया। एक महिला ने चार लोगों पर मानसिक उत्पीड़न और धमकी देने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। महिला का कहना है कि वह काफी समय से कुत्तों को खाना खिला रही थी, जिससे स्थानीय कुछ लोग नाराज थे। सोसायटी अध्यक्ष ने इन आरोपों से इनकार करते हुए इसे निजी रंजिश से जुड़ा मामला बताया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
नसबंदी अभियान की योजना
नगर निगम के अनुसार 2024 में 1,220 कुत्तों की नसबंदी की जानी थी, लेकिन इस साल कोई विशेष अभियान नहीं चलाया गया। अब केंद्रीय मंत्री के निर्देश के बाद हर सप्ताह 100 कुत्तों की नसबंदी करने का लक्ष्य रखा गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रक्रिया में और तेजी लाने की जरूरत है। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि अगले कुछ महीनों में नसबंदी और टीकाकरण अभियान को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि शहर में कुत्तों की समस्या पर काबू पाया जा सके।