Alwar मेडिकल कॉलेज और अस्पताल प्रशासन के बीच विवाद फिर आया सामने
सूचना पर प्रिंसीपल डॉ. दिनेश सूद भी सामान्य अस्पताल पहुंचे। इस दौरान पीएमओ डॉ. सुनील चौहान कोर्ट एविडेंस पर जयपुर गए हुए थे और डिप्टी कंट्रोलर डॉ. विजय चौधरी भी अस्पताल में नहीं थे। इस बीच करीब एक घंटे के प्रदर्शन के बाद कॉलेज के सभी प्रोफेसर और चिकित्सक भी वापस लौट गए।
यह बोले कॉलेज प्रोफेसर: मेडिसिन विभाग यूनिट 2 के हैड एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दिनेश पटेल, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. इंदू वर्मा, डॉ. विनोद यादव, डॉ. कश्मीरा शर्मा, डॉ. गरिमा, डॉ. विवेक सैनी एवं डॉ. सुनील खंडेलवाल आदि का कहना था कि मेडिकल रिलीफ सोसायटी की बैठक में अस्पताल में प्रिंसीपल का चैबर बनाने का निर्णय लिया गया था। इस संबंध में तत्कालीन जिला कलक्टर आशीष गुुप्ता ने भी सहमति प्रदान की थी। इसके लिए गठित कमेटी ने भी पुरानी ओपीडी में प्रिंसीपल चैबर बनाने का सुझाव दिया था। इसके बाद ही यहां रिनोवेशन का काम कराया गया था। 22 अक्टूबर को भी प्रिंसीपल चैबर को लेकर अस्पताल प्रशासन से चर्चा हुई थी। इसके बाद 23 की रात को अचानक चैबर के बाहर कैंसर विभाग लिखवा दिया गया। इस बारे में 24 को सुबह वाट्सएप ग्रुप से जानकारी मिली। प्रोफेसर्स का कहना था कि या तो यह चैबर पहले प्रिंसीपल को अलॉट ही नहीं करते, लेकिन अलॉट होने के बाद रिनोवेशन का काम पूरा होते ही द्वेषतापूर्ण कार्रवाई करते हुए इसे दूसरे विभाग को अलॉट किया है। यह प्रिंसीपल के पद की गरिमा के विरूद्ध है। इस मुद्दे पर अस्पताल प्रशासन से व्यक्तिगत बातचीत के बाद आगे का निर्णय किया जाएगा।