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Alwar में पहाड़ी पर मिले गायों के अवशेष, लोगों में मचा हड़कंप

 
Alwar में पहाड़ी पर मिले गायों के अवशेष, लोगों में मचा हड़कंप

अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर  लापता गाय को ढूंढते हुए युवक पहाड़ी पर पहुंचा तो नजारा देख दंग रह गया। वहां जगह-जगह गायों के अवशेष पड़े थे। उसकी नजर वहां मौजूद चार-पांच लोगों पर पड़ी तो वे बोले- यहां जो गाय एक बार आ गई, वह वापस नहीं जाती। मामला अलवर जिले के इंदौर गांव का है। जानकारी के मुताबिक हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर पर अरावली की पहाड़ियों यह गांव स्थित है। गांव के रविंद्र मेघवाल (25) की 2 गाय 19 मार्च को लापता हो गई थी। उसने आसपास तलाश की, लेकिन गायों का कहीं पता नहीं चला। 20 मार्च को उसने आसपास के जंगल में तलाश किया तो गायों के पैर के निशान के साथ ही उसे दो तीन लोगों के पैरों के निशान मिले। उन निशानों का पीछा करते हुए वह और उसके साथ छह-सात लोग पहाड़ पर गए।

रविंद्र ने बताया कि करीब चार किमी आगे पहुंचकर उनके सामने जो नजारा था, उसे देखकर वे सन्न रह गए। दूर-दूर तक गायों के कंकाल ही कंकाल बिखरे थे। बदबू आ रही थी। कुछ की खाल ही पड़ी थी। हडि्डयों के ढेर लगे थे। बहुत ही भयानक दृश्य था। हम आगे बढ़े तो कुछ गायें बंधी नजर आईं। पास ही में चार- पांच लोग एक गाय को काट रहे थे। उनमें से एक हारून मेव निवासी बाई गांव था। उसका नाम हमें इसलिए मालूम है, क्योंकि वह अक्सर हमारे गांव के आसपास घूमता देखा गया था। रविंद्र ने बताया कि इन लोगों की नजर जैसे ही हम पर पड़ी तो वे हमारे पीछे छुरा लेकर भागे। जान से मारने की धमकी दी। हम भी बड़ी मुश्किल से जान बचाकर वहां भागे। कुछ दूर पहुंचकर उन्हें आवाज लगाकर कहा कि हमारी गाय यहां लेकर आए हो। उसे लौटा दो। तो उनमें से एक ने कहा, एक बार जो गाय यहां आ जाती है, वह कभी वापस नहीं जाती है। भाग जाओ यहां से। इसके बाद हमें वहां से भागना पड़ा।

21 मार्च को रविंद्र ने चौपानकी थाने में अपनी गाय के लापता होने और गोकशी का मामला दर्ज करवाया है। एएसपी अतुल साहू ने बताया कि थाने में गाय चोरी होने का मामला दर्ज हुआ है। इस मामले की जानकारी जुटाकर कार्रवाई की जाएगी। अलवर जिले में पहले भी गायें काटने का मामला सामने आया था। जिला मुख्यालय से 65 किमी दूर रूंध गिदावड़ा गांव के पास गाय का मांस बेचने का खुलासा हुआ था। रास्ते में टीलों पर बैठे युवा- बच्चे हर बाहरी आदमी की निगरानी कर रहे थे। जंगल में 8 जगह मुंह बंधी गायें पेड़ औ खूंटों से बंधी मिली थी। पता चला था इन्हें अभी काटा जाना था। कुछ आगे चले तो 3 जगह लोग गाय काटते दिखे थे। खाल उतार मौके पर ही गंडासे से बीफ काटने में जुटे थे। वहां से कुछ मीटर दूर चादर बिछा कर लोग तौल के भाव से बीफ बेच रहे थे।