Alwar रुंध गिदावड़ा में गोकशी की घटना को लेकर कांग्रेस ने पुलिस-प्रशासन को दोषी ठहराया
भर्ती अनलॉक हो तो प्रदेश के बेरोजगारों को मिले खुशियां
अलवर चिकित्सा विभाग में आठ कैडर के लिए होने वाली भर्ती अनुभव प्रमाण पत्रों के फेर में उलझी हुई है। प्रदेश के बेरोजगारों ने 23 दिनों तक जयपुर में सीफू कार्यालय के सामने धरना देकर प्रदर्शन भी किया। इसके बाद भी सरकार की ओर से भर्ती को लेकर लिखित में स्पष्ट कुछ भी नहीं किया गया है। इस वजह से बेरोजगारों मे सीफू (स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफयर) के खिलाफ आक्रोश भी बढ़ रहा है। दरअसल, पिछली कांग्रेस सरकार की ओर से आठ श्रेणी की भर्तियों के लिए आवेदन मांगे गए थे। इस दौरान सीधी भर्ती व बोनस अंकों की वजह से मामला दो महीने तक उलझा रहा। न्यायालय से हरी झंडी मिलने के बाद सरकार व सीफू ने भर्ती आगे बढ़ाया, लेकिन मामला अनुभव प्रमाण-पत्रों में उलझा गया। एक्सपर्ट का कहना है कि कई कैडर की भर्तियों में ज्यादा पेंच नहीं है, इसलिए सरकार को पूरी तरह से तैयार भर्तियों के परिणाम जारी कर देना चाहिए।
बेरोजगार: सरकार जारी करे टाइमलाइन : बेरोजगारों ने बताया कि नियुक्ति नहीं मिलने का मामला विधानसभा में गूंज चुका है। इसके बाद भी सरकार ने लिखित में कैलेंडर जारी नहीं किया है। चयनित बेरोजगारों का कहना है कि परिणाम पिछली सरकार के समय में ही जारी हो चुका था, लेकिन आचार संहिता की वजह से नियुक्ति नहीं मिल सकी थी। अब सरकार को दस्तावेज सत्यापन से लेकर नियुक्ति देने का कैलेंडर जारी करना चाहिए। चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के भर्ती में देरी के पीछे अपने तर्क हैं। उनका कहना है कि अनुभव प्रमाण पत्र व दूसरे राज्य की अंकतालिकाओं के सत्यापन में समय ज्यादा लगा है। जिसके कारण देरी हुई है। विभाग की टीमें लगातार अंतिम चयन सूची तैयार करने में जुटी है।