सस्ता और सुरक्षित! सरिस्का के पलाश से वन विभाग 4 साल से बना रहा हर्बल गुलाल, जाने क्या है इसकी खासियत

सरिस्का के पलाश के फूलों से हर्बल गुलाल तैयार किया गया है। इसे जंगल के पेड़ों पर पाए जाने वाले फूलों से तैयार किया जाता है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। यह बाजार के गुलाल से सस्ता भी है। अब इसका चलन भी काफी बढ़ गया है। अलवर शहर में वन विभाग की ओर से नंगली सर्किल, ज्योतिबा फुले सर्किल, मिनी सचिवालय और बस स्टैंड पर लगाई गई स्टॉल से इसे खरीद सकते हैं। डीएफओ राजेंद्र हुड्डा ने बताया- एक पैकेट की कीमत 50 रुपए है।
उदयपुर के बाद अलवर वन मंडल में 4 साल पहले यह अभियान शुरू किया गया था। अब इसकी मांग काफी बढ़ गई है। पलाश के फूलों को तोड़कर एकत्र किया जाता है। फिर एक लीटर पानी और 5 किलो फूलों को एक पैन में उबाला जाता है। अच्छी तरह उबालने के बाद इसे छानकर फूलों के रस को अरारोट में मिलाकर सुखाया जाता है। सूखने के बाद इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर चक्की में पीसकर पाउडर तैयार किया जाता है। इस गुलाल को थैलियों में पैक किया जाता है।
सबसे ज्यादा पलाश के पेड़ कहां हैं
अमृतवास के पास चूहड़सिद्ध में पलाश के पेड़ बड़ी संख्या में हैं। मार्च से अप्रैल तक ये बड़ी संख्या में खिलते हैं। इसे देखते हुए वर्ष 2022 में इन पेड़ों पर खिलने वाले फूलों से प्राकृतिक गुलाल बनाने की यूनिट शुरू करने की योजना बनाई गई। डहरा शाहपुर के वन अधिकारी मदनलाल ने पहले वन मंडल उदयपुर में कुछ वनकर्मियों को प्रशिक्षण दिलवाया। फिर हर्बल गुलाल समिति के नाम से 11 स्थानीय महिलाओं की टीम बनाई। जो यह गुलाल बनाती हैं। इस वर्ष 3 क्विंटल गुलाल बनाया गया है।