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सावन में आस्था पर वार! राजस्थान के इस जिले में एक झटके में तोड़ दिया दशकों पुराना मन्दिर, ग्रामीणों में आक्रोश

 
सावन में आस्था पर वार! राजस्थान के इस जिले में एक झटके में तोड़ दिया दशकों पुराना मन्दिर, ग्रामीणों में आक्रोश 

अलवर वन प्रभाग के अंतर्गत उमरेन क्षेत्र में वन विभाग की भूमि पर अवैध रूप से बनाए जा रहे मंदिर को विभाग की टीम ने अतिक्रमण मानते हुए हटा दिया। स्थानीय लोगों में इसे लेकर भारी रोष है। बताया जा रहा है कि इस मंदिर का अवैध रूप से विस्तार करके निर्माण किया जा रहा था। आज ग्रामीण वहाँ मौजूद हैं, जो आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। ग्रामीणों में भारी रोष है। एक बड़ी पंचायत कर हर ग्रामीण को आंदोलन से जोड़ा जाएगा।

उपप्रधान महेश ने बताया कि यह मंदिर डूंगरी पर बना है। यह लगभग 30 साल पुराना है। सबसे पहले भगवान देवनारायण का मंदिर बना था। फिर हनुमान जी और शिव जी के मंदिर बने। वन विभाग ने बरसात के मौसम में इसे तोड़ दिया, जिससे ग्रामीणों में भारी रोष है। उन्होंने अलवर शहर विधायक और वन मंत्री संजय शर्मा पर इसे तुड़वाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मंदिर बनेगा। यह हमारी आस्था पर हमला है।

सरपंच भावेंद्र पटेल ने आरोप लगाया कि मंत्री ने द्वेष भावना से इस मंदिर को तुड़वाया है। भाजपा सरकार खुद को हिंदुओं की सरकार बताती है। लेकिन इस सरकार में सबसे ज़्यादा मंदिर तोड़े गए हैं। तालवृक्ष में भी मंदिर तोड़ा गया है। यहाँ निहाल सिंह ने कहा कि मंदिर तोड़े जाने से समाज में रोष है। समाज इसका विरोध करेगा। पूरा क्षेत्र लामबंद होकर मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन करेगा।

इस संबंध में अलवर वन मंडल के जिला वन अधिकारी राजेंद्र हुड्डा के निर्देश पर टिन शेड और खड़े खंभे को हटा दिया गया। यह ज़मीन लगभग 5 हेक्टेयर है। जो दुर्गम पर्वत की श्रेणी में दर्ज है और वन विभाग के नाम पर है। इस ज़मीन पर पहले भी मंदिर बनाने का प्रयास किया गया था, जो विफल रहा था।

अब मंदिर विस्तार के नाम पर इसका निर्माण कार्य शुरू किया गया था, जिसे सूचना मिलने पर हटा दिया गया है। जेसीबी की मदद से खंभों और तीन टिन शेड को हटा दिया गया है। मूल मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुँचाया गया है। उन्होंने कहा कि वन भूमि पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने मूल मंदिर को तोड़े जाने की बात से इनकार किया। यहाँ तीन मंदिर बने बताए जा रहे हैं।

एक हनुमान मंदिर, एक शिव मंदिर और एक देवनारायण मंदिर। ग्रामीणों का आरोप है कि यहां हनुमान मंदिर को तोड़ा गया है। इसकी जानकारी मिलने के बाद गुरुवार शाम ग्रामीण एकत्रित हुए और वन विभाग की कार्रवाई का विरोध किया। ग्रामीणों ने कहा कि इस संबंध में जल्द ही आंदोलन की योजना बनाई जाएगी। इस मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई है। विपक्षी नेताओं ने सरकार पर सवाल उठाया है कि मंदिर को समर्थन देने वाली सरकार के शासनकाल में मंदिर को तोड़ा जा रहा है।