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Alwar वन्यजीवों को चाहिए गर्मी में ज्यादा पानी, तलाश रहे अन्य जलाशय

 
Alwar वन्यजीवों को चाहिए गर्मी में ज्यादा पानी, तलाश रहे अन्य जलाशय
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर  तापमापी पर पारा लगातार चढ़ रहा है। ये गर्माहट टाइगर आदि को बर्दाश्त नहीं हो रही। यही कारण है कि टाइगर कृत्रिम तालाबों में अभी से घंटों बिता रहे हैं। दूसरे जानवर पानी आदि के लिए दूसरे तालाब ढूंढ रहे हैं। ऐसे में सरिस्का में कृत्रिम तालाबों की संख्या में बढ़ोतरी की तैयारी है। सरिस्का प्रशासन सोलर सिस्टम के जरिए और कृत्रिम तालाब बनाने की ओर कदम बढ़ा रहा है। सरिस्का में कृत्रिम तालाब काफी हैं, लेकिन और भी नए प्वाइंट बनाने की तैयारी चल रही है। सांभर आदि जानवर टाइगर से डरते हैं। ऐसे में वह पानी के लिए दूसरे तालाब तलाशते हैं। प्राकृतिक तालाब लगभग सूख गए हैं। बारिश में पूरे जंगल में पानी हो जाता है, फिर किसी जानवर को ज्यादा दूरी तक नहीं करनी पड़ती।

हर पांच किमी में हो पानी का पॉइंट : सरिस्का में हर पांच किमी में पानी का पॉइंट होना चाहिए। ये समतल एरिया में तो पाया जा रहा है, लेकिन पहाड़ी इलाकों में दिक्कत है। सरिस्का के उप वन संरक्षक महेंद्र शर्मा ने कहा कि पानी के तमाम पॉइंट सोलर के जरिए चल रहे हैं। कुछ जगहों पर टैंकरों से भी पानी पहुंचाया जा रहा है। जहां-जहां आवश्यकता महसूस हो रही है वहां नए कृत्रिम प्वाइंट भी बना रहे हैं।

एक टेरेटरी में बनाए जाते हैं 10 तालाब

सरिस्का में टाइगरों की संख्या 33 हो गई, जिसमें 11 शावक हैं। एक टाइगर की टेरेटरी करीब 40 वर्ग किमी में है। एक टेरेटरी में करीब 10 कृत्रिम तालाब बताए जाते हैं। गर्मी के दिनों में टाइगर शिकार करने के बाद तापमान कम करने के लिए पानी की ओर रुख करता है, जो दो से तीन घंटे तक लगातार पानी में ही रहता है। कई बार तो दिनभर तालाब से भी टाइगर नहीं निकलते। ऐसे में दूसरे जानवर पानी पीने के लिए ऐसे तालाब तक नहीं पहुंच पाते। टाइगर जिस तालाब में होता है उसके आसपास के तालाबों पर भी जाने से अन्य जानवर कतराते हैं।