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Alwar यूआईटी ने प्लॉटिंग के लिए दिया कई अफसरों को गिट बिना मानक कर दिया भू-रूपांतरण

 
Alwar यूआईटी ने प्लॉटिंग के लिए दिया कई अफसरों को गिट बिना मानक कर दिया भू-रूपांतरण
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर  नगर विकास न्यास (यूआईटी) का बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है। कई बड़े अफसरों को प्लॉटिंग का गिट देने के लिए यूआईटी ने बिना मानकों के 12 बीघा जमीन का भू-रूपांतरण कर दिया।इतना ही नहीं, अन्य खातेदारों की खरीदशुदा जमीन पर रास्ता दिखाते हुए 30 फीट चौड़ी सीसी रोड तक बना डाली, जबकि राजस्व रिकॉर्ड में यहां कोई रास्ता दर्ज नहीं है। अब ये अफसर और रसूखदार लोग मिलकर यहां प्लॉट और विला बनाकर महंगे दामों में बेच रहे हैं।शहर के निकट ढाई पैड़ी पर लिवारी गांव में कई अफसर और रसूखदार लोगों की ओर से 12 बीघा जमीन पर आवासीय सोसायटी बनाई जा रही है। यहां प्लॉट और विला बनाकर बेचे जा रहे हैं। इन अफसर और रसूखदार लोगों की जमीन तक जाने के लिए राजस्व रिकॉर्ड में कोई रास्ता नहीं है, लेकिन यूआईटी के अफसरों ने इनके साथ मिलीभगत कर निजी रास्ते के लिए खरीदशुदा 30 फीट चौड़ी और 535 फीट लबी भूमि खसरा नबर 235, 236, 237, 238, 241, 253 और 254 जमीन को आम रास्ता दिखाते हुए खसरा नबर 272, 273, 275, 276, 277 व 282/885 की जमीन को आवासीय योजना के लिए भू-रूपांतरित कर दिया।

इसके साथ ही इस खरीदशुदा निजी रास्ते की जमीन पर यूआईटी ने सीसी रोड बना डाली, जबकि राजस्व रिकॉर्ड में आज तक यहां कोई आम रास्ता दर्ज नहीं है। अफसर और भूमाफिया के दबाव में अब प्रशासन ने खातेदारों को नोटिस भेजकर इसे राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

बिना रास्ते के नहीं हो सकता भू-रूपांतरण:

नियमानुसार किसी भी भूमि का आवासीय में भू-रूपांतरण करने के लिए 40 फीट का रास्ता होना अनिवार्य है। बिना रास्ते के लिए किसी जमीन का भू-रूपांतरण नहीं किया जा सकता, लेकिन यूआईटी ने जिस 12 बीघा जमीन का भू-रूपांतरण किया है, वहां राजस्व रिकॉर्ड में कोई रास्ता नहीं दर्शाया गया है।