Alwar टैंकर विहीन होगा सरिस्का, रणथंभौर मॉडल लागू करने की तैयारी
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सोलर सिस्टम भी यहां लगाया : सरिस्का में जानवरों की संख्या लाखों में हैं। टाइगर, तेंदुआ, सांभर से लेकर कई बड़े जानवर हैं। ये पानी के लिए तालाबों पर निर्भर हैं। बारिश के समय सरिस्का में एक दर्जन प्राकृतिक तालाबों में पानी आता है लेकिन वर्तमान में अधिकांश तालाब सूखे हुए हैं। कृत्रिम तालाबों की संख्या 40 से ज्यादा है। ये तालाब ऑटोमेटिक सिस्टम के जरिए पानी से भरे जाते हैं। सोलर सिस्टम यहां लगाया गया है। इसके अलावा भी सरिस्का में हर साल में पानी टैंकरों के जरिए आता है। आर्थिक भार तो पड़ता ही है। इसके अलावा प्रदूषण भी बढ़ता है।
सरिस्का के निदेशक महेश शर्मा कहते हैं कि यहां रणथंभौर मॉडल लागू करने की योजना बना रहे हैं। इस मॉडल के जरिए कोशिश हो रही है कि कृत्रिम तालाबों की संख्या बढ़ाएंगे। इसके अलावा सोलर सिस्टम को और प्रभारी बनाया जाएगा। रणथंभौर में करीब 70 प्वाइंटों पर लाखों रुपए का पानी टैंकर के जरिए आता था लेकिन अब वो जंगल टैंकरविहीन हो गया। पानी बाहर से नहीं आता। उसी तरह यहां भी काम होगा। इसकी विस्तृत योजना बनाई जा रही है। कृत्रिम तालाबों की स्थिति दिखवा रहे हैं। जल्द ही किसी नतीजे पर पहुंचा जाएगा।