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Alwar चुनावी खर्च में चाय 5 रुपये, कॉफी 13 रुपये और खाना 70 रुपये प्रति प्लेट तय

 
Alwar चुनावी खर्च में चाय 5 रुपये, कॉफी 13 रुपये और खाना 70 रुपये प्रति प्लेट तय
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर  विधानसभा चुनाव की तरह ही लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के खर्च का हिसाब चुनाव आयोग रखेगा। इस चुनाव में एक प्रत्याशी अधिकतम 95 लाख रुपए तक खर्च कर सकते हैं। इससे अधिक राशि खर्च करने पर प्रत्याशी को आयोग अयोग्य घोषित कर देगा। हालांकि अब तक के चुनावों में यहां स्थिति ऐसी नहीं आई है। चुनाव आयोग ने खर्च को विभाजित किया है। खाने से लेकर पीने तक के रेट निर्धारित कर दिए हैं। रेट विधानसभा चुनाव की तरह ही हैं। उनमें बढ़ोतरी अभी नहीं की गई है। हालांकि फाइनल रेट लिस्ट आचार संहिता लगने के बाद सामने आएगी।

जलेबी 160 व बर्फी 280 रुपए किलो के हिसाब से जुड़ेगी: प्रत्याशियों को एक चाय की कीमत 5 रुपए, कॉफी 13 व खाना 70 रुपए के हिसाब से अपने खर्च में जोडऩा होगा। कचौरी, समोसा प्रति नग 7 रुपए के हिसाब से लगेगा। बड़ा समोसा या कचौरी के रेट प्रति नग 15 रुपए लगेंगे। जलेबी 160 रुपए प्रति किलो के हिसाब से लगेगी। वहीं लड्डू 250 रुपए किलो के हिसाब से खर्च में जुड़ेगा। लड्डूओं का प्रयोग भी चुनावों में ज्यादा होता है। इनके अलावा गुलाब जामुन 200 रुपए किलो के हिसाब से खर्च में जुड़ेगी। रसगुल्ला 200 रुपए, बर्फी मावा 280 रुपए किलो, गाजर का हलवा 300 रुपए प्रति किलो के हिसाब से जुड़ेगा। मूंग दाल हलवा 300 रुपए, दाल की पकौड़ी 160 रुपए किलो के हिसाब से जुड़ेंगी। रोटी, सब्जी, चावल, रायता व सलाद यानी 6 नग व एक मिठाई का मूल्य 70 रुपए चुकाने होंगे।

वाहन व टैंट का खर्च यह देना होगा : इसी तरह वाहन खर्च पांच सीटर गाड़ी का 2625 रुपए के हिसाब से दर्ज होगा। चुनाव सामग्री में भी झंडे प्लास्टिक प्रति नग 2 रुपए, स्टीकर छोटा 5 रुपए के हिसाब से लगेगा। टैंट का खर्च भी फिक्सिंग साइज 15 बाय 15 का 263 रुपए के हिसाब से लगेगा।

चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या रहेगी कम, मॉनिटरिंग होगी ज्यादा: विधानसभा चुनाव में 133 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे। बहरोड़, तिजारा क्षेत्र में सर्वाधिक खर्च का अनुमान था। यहां निगरानी आयोग ने की थी। एक प्रशासनिक अधिकारी का कहना है कि इस चुनाव में प्रत्याशी गिनती के होते हैं। ऐसे में मॉनिटरिंग ज्यादा होती है। उनका कहना है कि आयोग की ओर से फाइनल सूची आचार संहिता लगने के बाद जारी होगी। बाकी खर्च आइटम लगभग विधानसभा चुनाव की तरह ही होते हैं।