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Alwar तनाव से बच्चों-युवाओं में बढ़ा पैनिक अटैक का खतरा

 
Alwar तनाव से बच्चों-युवाओं में बढ़ा पैनिक अटैक का खतरा
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर  भागदौड़ भरी जिंदगी में पैनिक अटैक आम बीमारी बन चुकी है। यह एक तरह का एंग्जायटी डिसऑर्डर है। इसके लक्षण कई बार हार्ट अटैक की तरह होते हैं।सामान्य अस्पताल के मनोरोग विभाग में पैनिक अटैक सहित अन्य मानसिक बीमारियों के प्रतिदिन करीब 50 से 60 मरीज उपचार के लिए आ रहे हैं। इसमें बच्चे व युवा भी शामिल हैं।

बदलती लाइफ स्टाइल जिम्मेदार : बदलती लाइफ स्टाइल मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल रही है। इससे हर उम्र के लोग प्रभावित है। इसमें सांस लेने में तकलीफ होना, घबराहट, अचानक पसीना आना एवं धड़कन अनियमित तरीके से तेज होना शामिल है। ये समस्याएं लगातार रहने लगे तो यह गंभीर हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के पिछले साल के आंकड़ों के अनुसार 18 से 24 वर्ष के 16.8 प्रतिशत लोग डिप्रेशन के शिकार हैं। इस कारण उन्हें पैनिक अटैक आने की आशंका भी बढ़ रही है।

योग व प्राणायाम करें: लाइफ स्टाइल में बदलाव के कारण मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में अपनी दिनचर्या को ठीक रखें, अधिक महत्वकांक्षा नहीं पालें। हमेशा सकारात्मक सोचें। इसके साथ ही योग व प्राणायाम के लिए समय जरूर निकालें।

पारिवारिक स्थिति व बेरोजगारी भी कारण

जेनेटिक कारणों के साथ ही पारिवारिक परिस्थितियां मानसिक रोगों को बढ़ा रही है। इसके साथ ही युवाओं में बेरोजगारी एवं पारिवारिक सपोर्ट नहीं होने के कारण अकेलापन हावी होने से वे मानसिक रोगों के शिकार हो रहे हैं।लाइफ स्टाइल में बदलाव के कारण मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में अपनी दिनचर्या को ठीक रखें, अधिक महत्वकांक्षा नहीं पालें। हमेशा सकारात्मक सोचें, साथ ही योग व प्राणायाम के लिए समय जरूर निकालें। डिप्रेशन से बचने के लिए परिवार के साथ समय बिताएं। उनके साथ अपनी परेशानियों को साझा करें।