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Alwar बाघ पर असर न हो, बाघ के आसपास के जंगलों में आरएसी के साथ वन टीमें अलर्ट रहेंगी

 
Alwar बाघ पर असर न हो, बाघ के आसपास के जंगलों में आरएसी के साथ वन टीमें अलर्ट रहेंगी

अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर सरिस्का के बफर जोन से करीब 2 किलोमीटर दूर लगी आग से वन विभाग के अफसरों ने सबक लेते हुए टाइगर की टैरेटरी के आसपास के क्षेत्र में 24 घंटे वनकर्मी व आरएसी के जवानों की टीम को मुस्तैद कर दिया है। जो शिफ्टवाइज अपने इलाके के जंगल में मॉनिटरिंग करेंगे। जिससे आग लगने की घटनाओं को रोका जा सकेगा। वहीं टाइगर पर भी मानिटरिंग रहेगी। इसी तरह सरिस्का की टीम बफर जोन तक अलर्ट रहेंगी। बफर जोन से आगे वन मंडल की टीम रहेंगी। अलग-अलग टीमों को एरिया बांटकर जिम्मेदार थमा दी है। जिनके साथ में RAC के जवान भी होंगे।

रात को भी रुकना पड़ा था पहाड़ पर

DFO अलवर राजेंद्र हुड्डा ने बताया कि आग वाली रात को 10 जनों की टीम रात भर पहाड़ पर रही। जिसके कारण रात को आगे को फैलने से रोक दिया। तभी आग को पूरी तरह से काबू में कर लिया गया। असल में अब गर्मी के दिनों में छोटी सी चिंगारी से सूखी घास में आग लग जाती है। करीब 300 के आसपास लोगों ने मिलकर आग बुझाई। जिसमें 75 आरएएसी के जवान थे। सरिस्का की टीम के अलावा गांव के लोग भी थे। कुछ मजदूरों को भी लेकर जाया गया था।

अब यूं रहेगी हर समय जंगल पर नजर

अब मॉनिटरिंग का सिस्टम बढ़ा दिया। ततारपुर में आरएसी का हैड क्वार्टर है। बानसूर से ततारपुर तक, अलवर रेंजर, ततारपुर से जिंदोली की तरफ किशनगढ़बास वाले अलर्ट रहेंगे। तीन रेंज ऑफिसर सहित टीम को 24 घंटे मॉनिटरिंग का जिम्म्मा दिया है। वे अपने-अपने समय के अनुसार पेट्रोलिंग करेंगे। जिससे अवैघ खनन भी भी नहीं हो सकेगा। आरएसी की मदद से वनकर्मी आत्मविश्वास में रहते हैं।

सरिस्का की टीम भी अलर्ट रहेगी

सरिस्का की टीम भी जंगल में मॉनिटरिंग करती रहेगी । इस तरह अब सरिस्का और वन मंडल दोनों तरफ से जंगल में मॉनिटरिंग रहेगी। इसके दो फायदे रहेंगी। आगजनी जैसी घटना को रोका जा सकेगा। वहीं टाइगर की मॉनिटरिंग का भी पता चलता रहेगा। यही टीम टाइगर की मॉनिटरिंग भी करती रहेगी। वाटर प्वाइंट भी देखेंगे। राजगढ़ के क्षेत्र में 40 लोगों की टीम मॉनिटरिंग में लगा दी है।