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Alwar स्कूलों ने बच्चों का एडमिशन तो ले लिया, लेकिन सरकार ने फीस नहीं दी

 
Alwar स्कूलों ने बच्चों का एडमिशन तो ले लिया, लेकिन सरकार ने फीस नहीं दी

अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर जिले में संचालित प्राइवेट स्कूलों में राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के माध्यम से पढ़ाई करने वाले नौनिहालों की फीस को लेकर स्कूल और अभिभावक आमने-सामने आ गए हैं। इसमें एलकेजी और यूकेजी के विद्यार्थी शामिल हैं। इन विद्यार्थियों को शिक्षा विभाग की ओर से आरटीई से बाहर रखा गया है। हालांकि पिछली कांग्रेस सरकार ने कक्षा एक से लेकर कक्षा 12 तक की पढ़ाई को आरटीई में शामिल किया है। अलवर जिले में प्राइवेट स्कूलों की संख्या 3 हजार 500 से अधिक है, जो वर्तमान में संचालित हैं। इन स्कूलों में हजारों की संख्या में एलकेजी और यूकेजी की पढ़ाई कर रहे हैं।

भुगतान की प्रक्रिया पहली कक्षा से: प्रदेशभर के प्राइवेट स्कूल संचालकों को प्री-प्राइमरी कक्षा यानी एलकेजी से यूकेजी तक तीन कक्षाओं में दाखिला लेने वाले नौनिहालों की फीस का सरकार भुगतान नहीं कर रही है। दरअसल, सरकार ने पूर्व में जारी आदेश में स्पष्ट कर दिया था कि नि:शुल्क प्रवेश के बाद भुगतान की प्रक्रिया पहली कक्षा से ही शुरू होगी। इसको लेकर प्राइवेट स्कूलों की ओर से कोर्ट में मामला लगाया गया और अब प्राइवेट स्कूल कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, पिछले दो साल से आरटीई की राशि का भुगतान नहीं किया गया है। इसमें सत्र 2022-23 और सत्र 2023-24 की पहली किश्त बाकी है। जिला शिक्षा अधिकारी नेकी राम ने बताया कि सरकार के आदेशों की पालना की जाएगी। ये निर्णय सरकार करेगी।

प्रत्येक स्कूल में 25 फीसदी सीट : प्रत्येक प्राइवेट स्कूल में तीन नौनिहालों के बाद चौथे नौनिहाल का दाखिला आरटीई के तहत हुआ है। इसी आधार पर आगे की कक्षाओं में दाखिला दिया जाता है। वर्तमान में बोर्ड परीक्षाओं का संचालन हो रहा है और उसके बाद सामान्य कक्षाओं की परीक्षा आयोजित होगी। उसके बाद प्राइवेट स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। हर साल शिक्षा विभाग की ओर से आरटीई के माध्यम से दाखिले की प्रक्रिया मार्च और अप्रेल माह में शुरू हो जाती है।