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Alwar सरिस्का अभ्यारण्य आधा दर्जन से अधिक बाघिनें नहीं हो पा रही गर्भवती

 
Alwar सरिस्का अभ्यारण्य आधा दर्जन से अधिक बाघिनें नहीं हो पा रही गर्भवती
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ाने के तैयारी शुरू हो गई। सरिस्का प्रशासन उन बाघिनों पर शोध कराएगा जो अभी युवा हैं और गर्भवती हो सकती हैं। इन शोध के नतीजों के आधार पर ही प्रशासन काम करेगा। ताकि बाघ की संख्या को बढ़ाया जा सके। सरिस्का में अभी बाघिनों की संख्या 14 है। इसमें एसटी-7 व एसटी-8 बाघिन की उम्र करीब 12 साल है, लेकिन अब तक ये गर्भवती नहीं हो पाई हैं। बाघिन के गर्भवती होने की आयु लगभग 12 साल तक ही मानी जाती है। ऐसे में प्रशासन चाहता है कि जल्द से जल्द ये बाघिन खुशखबरी दें। इससे पहले बिना शावक को जन्म दिए ही एसटी-3 व एसटी-5 की मौत चुकी हैं। मौत के समय इनकी आयु करीब 15 से 16 साल रही। एसटी-9 भी महज एक ही शावक को जन्म दे पाई। अभी सरिस्का में बाघों की संख्या 30 है। इसमें 14 बाघिन के अलावा 8 बाघ व 8 शावक हैं।

शिकार करने लगते हैं शावक तभी दोबारा गर्भवती होती हैं बाघिन : सरिस्का के सीनियर गाइड रामोतार मीणा का कहना है कि बाघिन दोबारा तभी प्रेगनेंट होती है, जब पहले के शावक करीब 3 साल के हो जाएं और शिकार करने लगें। शावकों को दाव-पेच सिखाने के बाद ही बाघिन बाघ की टेरेटरी में जाती है। बाघिन को गर्भवती होने के बाद सुरक्षित जगह नहीं मिल पाती तो वह भ्रूण भी गिरा देती हैं।

गर्भवती नहीं होने की वजह

बाघिन की ब्रिड के अनुसार टाइगर न मिलना

सरिस्का में बाघिन को अनुकूल माहौल न मिलना

पांडूपोल दर्शन के लिए लोगोें की आवाजाही

बाघों की संख्या कम होना

पांच बार तक दे सकती है शावकों को जनम

एक बाघिन चार साल की आयु से शावक देना शुरू करती हैं और 14 साल की आयु तक करीब चार से पांच बार मां बनती है। जीवन में आठ से दस शावक तक देती हैं। सरिस्का की एसटी-7 व एसटी-8 बाघिन दोनों बहनें हैं, जिनकी दादी रणथंभौर में थीं, जिसका नाम मछली था। कुछ बाघिन प्रेगनेंट नहीं हो पाई हैं। इसके कारणों का पता लगाने के लिए शोध की योजना बनाई जा रही है। रिसर्च होगा तो इसके कारण सामने आएंगे।