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Alwar सरिस्का के संरक्षण के प्रयास, गांवों का होगा पुनर्वास

 
Alwar सरिस्का के संरक्षण के प्रयास, गांवों का होगा पुनर्वास
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर सुप्रीम कोर्ट की ओर से सेंट्रल एपावर्ड कमेटी (सीईसी) की सिफारिशों को लागू करने के निर्देश देते ही सरकार हरकत में आ गई है। इन निर्देशों को लागू करने के लिए पहला कदम अलवर में उच्च स्तरीय बैठक के जरिए आगे बढ़ाया गया है। तय हुआ है कि सरिस्का के गांवों के पुनर्वास, पांडुपोल तक इलेक्ट्रिक व्हीकल चलाने व कॉमर्शियल गतिविधियों के संचालन न करने को लेकर जो निर्देश कोर्ट की ओर से दिए गए हैं, उनका पालन समय पर होना चाहिए। मिनी सचिवालय में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार की ओर से शपथ पत्र जमा करना है। ऐसे में सीईसी की सिफारिशों को लागू करने की पूरी प्लानिंग धरातल पर करनी होगी। सरिस्का के रोड से लेकर इलेक्ट्रिक व्हीकल चलाने, पार्किंग की स्थापना करने, गेटों के खोलने आदि को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए निर्देशों का पालन करना है। उन्होंने कहा कि 5 सितंबर तक समुचित तैयारियां कर ली जाएं। बजट की समस्या नहीं आएगी। जमीन के मुद्दों को भी इसी बैठक के जरिए निपटा लिया जाए। इस मौके वन मंत्री संजय शर्मा, एनटीसीए नई दिल्ली के सचिव गोविंद सागर भारद्वाज, अलवर, खैरथल-तिजारा, कोटपूतली-बहरोड़ के कलक्टर, पीसीसीएफ पवन कुमार उपाध्याय व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

एनओसी जल्द लें: सरिस्का के गांवों को विस्थापित करने के लिए तिजारा में चिन्हित गिदावरा रूंध की 700 हेक्टेयर जमीन की एनओसी के लिए पर्यावरण विभाग में आवेदन किया जाए।

सरकार इन सिफारिशों पर कर रही है काम

कोर एरिया में चल रहे होटल-रेस्टोरेंट को 30 तक बंद करें।

सरिस्का की 40,256 हैक्टेयर जमीन 30 का यूटेशन खोलें।

ईएसजेड का नोटिफिकेशन 31 दिसंबर तक जारी करना होगा।

पांडूपोल तक निजी वाहनों का प्रयोग 31 मार्च 2025 के बाद बंद हो।

गांवों को विस्थापित करें।

सरिस्का में स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन 31 दिसंबर 2025 तक पूरा होगा।

सरिस्का के एलिवेटेड रोड पर काम शुरू हो।

इलेक्ट्रिक शटल बसों के लिए सड़क सुधारें।

उमरी तिराहा की बजाय पांडुपोल मंदिर के पास बनाए पार्किंग।