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Alwar एक कमरे में सिमटा डाकघर, नहीं है अपना कोई भवन

 
Alwar एक कमरे में सिमटा डाकघर, नहीं है अपना कोई भवन
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर डाक विभाग की ओर से संचालित किए जा रहे डाकघरों के पास अपने स्वयं के भवन नहीं हैं। इसके चलते आधे से ज्यादा डाकघर किराए के भवनों में संचालित हो रहे हैं। डाकघर में प्रतिदिन सैंकडो़ लोगों का आना जाना रहता है, लेकिन हालात यह है कि यहां ग्राहकों के लिए सुविधाओं का अभाव है। यहां बैठने के लिए ना तो कुर्सियां है और ना ही अन्य सुविधाएं जिसकी वजह से ग्राहकों को परेशानी उठानी पड़ती है। इतना ही नहीं पीने का पानी व शौचालय जैसी मुलभूत सुविधाएं तक नहीं है। डाकघरों में बुजुर्ग पेंशनर व बीमार भी आते हैं। बच्चे व महिलाएं भी आते हैं। सुविधाएं ना होने से सभी परेशान है।

खुद का नहीं भवन: अलवर शहर के मालाखेडा बाजार, बांस वाली गली, कोर्ट परिसर, दिल्ली दरवाजा, मनुमार्ग हाउसिंग बोर्ड, स्कीम नंबर एक सहित अन्य डाकघर है जिनके पास अपना भवन नहीं है। ये डाकघर किराए के भवनों में चल रहे हैं। इनका संचालन एक एक कमरे में किया जा रहा है। इनमें बैठने के लिए कुर्सी या बेंच भी नहीं है। ऐसे में यहां आने वाले परेशान काम के लिए घंटों तक खडे़ रहते हैं।

कर्मचारी भय के साए में: अलवर जिला मुख्यालय पर डाकघरों के हालात सही है लेकिन ग्रामीण डाक घरों में काम कर रहे कर्मचारी डर व भय के साए में काम कर रहे हैं। किसी डाकघर में सीलन से दीवारें खराब हो रही है और किसी में छत से प्लास्तर गिरता है, बारिश में पानी टपकता है। जिला मुख्यालय को कई बार शिकायत भी दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

बार -बार बदलने की रहती है समस्या : किराए के भवनों में चल रहे डाकघर आए दिन बदलने की समस्या भी रहती है। बार -बार जगह बदलने से ग्राहकों को भी परेशानी उठानी पड़ती है।कस्बे के एसबीआई बैंक के पास गली में एक किराए कमरे में संचालित है।कमरे में संचालित डाकघर का कमरा भी जीर्ण शीर्ण अवस्था में है। बिजली तक की भी सुविधा तक नहीं है।कर्मचारियों के लिए शौचालय पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्टाफ की कमी के कारण उपभोक्ताओं के काम भी समय पर नहीं होते हैं।