Alwar अब थानागाजी में हैंडपंप घोटाला, बिना मंजूरी के कर दिया भुगतान
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शिक्षा विभाग के अफसर की पत्नी को टेंडर...मौके पर काम नहीं
पूर्व कैबिनेट मंत्री हेम सिंह भड़ाना ने प्रदेश में अपनी सरकार बनते ही एक पत्र सरकार को लिखा, जिसमें आरोप लगाए कि हैंडपंप के नाम पर भ्रष्टाचार हुआ। हैंडपंप की लागत 1.20 लाख आती है, लेकिन 2.20 लाख में लगवाया गया। प्रति हैंडपंप एक लाख रुपए का गबन किया गया। हैंडपंप लगाए बिना ही भुगतान उठाया गया। निजी खातेदारों को भी लाभ पहुंचाने के लिए इसका प्रयोग किया गया। आरोप हैं कि पंचायत समिति मद एसएफसी व एफएफसी से अनियमित स्वीकृतियां जारी की गईं। एक फर्म को उच्च दरों पर पानी से जुड़े टेंडर दिए गए। ये फर्म शिक्षा विभाग के अफसर की पत्नी के नाम है। मौके पर कार्य नहीं होने पर भी भुगतान किया गया। सुरक्षा गार्डों की भर्ती टेंडर में भी गड़बड़ी के आरोपलगे हैं।
मैंने कुछ समय पहले ही कार्यभार संभाला है। इन आरोपों की जांच करने के लिए जिला परिषद से टीम आई थी। उनको अभिलेख दिए गए थे। कुछ अभिलेख और भेजे जाएंगे। इस प्रकरण की मैं भी अपने स्तर से जांच करूंगा। आरोपों के आधार पर जांच चल रही है। पंचायत समिति ने अभी पूरे अभिलेख नहीं दिए हैं। दोबारा रेकॉर्ड मांगे गए हैं। अभिलेख पूरे मिलेंगे उसी के बाद फाइल रिपोर्ट तैयार होगी। शिकायत सरकार तक पहुंची तो जिला परिषद से रिपोर्ट मांगी गई। सीईओ प्रतिभा वर्मा ने लेखाधिकारी ओमप्रकाश गुलयानी, एक्सईएन जल संसाधन सुमित जैन, सहायक विकास अधिकारी सुरेश जैन को जांच सौंपी। इस टीम ने पंचायत समिति के अफसरों से हैंडपंप से जुड़े रेकॉर्ड मांगे। वर्ष 2020-21 से लेकर अब तक लगाए गए हैंडपंप का रेकॉर्ड मांगा। 15वें वित्त, राज्य वित्त से ये कार्य दिखाए गए हैं। टीम ने पाया कि 191 में से 35 के भुगतान आदेश अभी दिए गए हैं, जबकि इन हैंडपंप की वित्तीय स्वीकृति के आदेश नहीं मिले। टीम ने माना है कि ये सूची अधूरी है। इसलिए दोबारा बीडीओ थानागाजी से रेकॉर्ड उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।