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Alwar मुनि प्रतीक सागर ने कहा- भारतीय संस्कृति को अपनाएं युवा

 
Alwar मुनि प्रतीक सागर ने कहा- भारतीय संस्कृति को अपनाएं युवा
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर  मुनि प्रतीक सागर ने ने कहा है कि महान गुणों वाले माता-पिता के घर में ही महान गुण वाले बच्चों का जन्म होता है। तीर्थंकर ऋषभदेव अपने पिता के समान ही तीन ज्ञान के धारी थे। यह हमारे भारत देश की आदर्श परंपरा है कि पिता के समान के लिए पुत्रों ने अपने जीवन को कुर्बान कर दिया। भगवान राम ने अपने पिता के वचन को पूरा करने के लिए 14 वर्ष वनवास में काटे। भीष्म पितामह ने पिता की इच्छानुरूप ब्रह्मचर्य धारण कर लिया। मगर आज माता-पिता की कोख से चरित्रवान नहीं, पांच सितारा संस्कृति में डूबी संतानों का जन्म हो रहा है।

मुनिरी ने जैन भवन में धर्मसभा में कहा कि आज की युवा पीढ़ी गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड के चक्कर में अपने जीवन को नष्ट करने में लगी है। स्वयं का स्वार्थ पूरा करने के लिए यह पीढ़ी देश, समाज परिवार और भारत के संस्कारों के साथ बगावत करने को तैयार है। आज की युवा पीढ़ी को समझना होगा कि हमें जीवन मौज मस्ती के लिए नहीं, इतिहास के पन्नों में नाम दर्ज करने के लिए मिला है, इसीलिए पाश्चात्य संस्कृति की संस्कृति को छोड़कर भारत की संस्कृति को अपनाएं। नशा मुक्त भारत हो, कर्तव्य निष्ठ संतान हो, तनाव मुक्त जीवन हो यह हमारे जीवन संकल्प होना चाहिए। कार्यक्रम के प्रारंभ में महिलाओं ने मंगलाचरण किया। मुनिश्री का पाद प्रक्षालन खंडेलवाल एवं पल्लीवाल समाज के प्रतिनिधियों ने किया गया। संध्याकालीन सभा में मुनि ने कहा कि परिवार, समाज, राष्ट्र और संतों का समान होना चाहिए, तुहारे आचरण के कारण उनका मस्तक नहीं झुकना चाहिए। महावीर विवेकानंद और संतों के चरित्र से प्रभावित होकर अपने जीवन की दिशा और दशा बदलें।

13 जून को तिजारा में होगा मंगल प्रवेश

मुनिश्री सोमवार को अलवर शहर से विहार कर 13 जून को चंद्र प्रभु भगवान के दरबार में तिजारा अतिशय क्षेत्र पर मंगल प्रवेश करेंगे। वहां विराजित आचार्य विमर्श सागर से वे मंगल मिलन करेंगे।